Coronavirus: राजस्थान में केंद्र की मदद पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने
Coronavirus. राजस्थान में कोरोना की जंग पर अब सियासत हावी हो रही है। भाजपा नेता राजस्थान सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। Coronavirus. कोरोना संकट के समय केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद पर राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हो गए है। एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री लगातार केंद्र सरकार से अतिरिक्त गेहूं, अतिरिक्त पैकेज और श्रमिकों को भेजने के बारे में स्पष्ट नीति की मांग कर रहे है, वहीं भाजपा के नेता सरकार से यह पूछ रहे हैं कि केंद्र से मदद मांगने से पहले सरकार यह बताए कि उसने अपने दम पर क्या खर्च किया है। राजस्थान में कोरोना की जंग पर अब सियासत हावी हो रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कई दिनों से लगातार यह मुददा उठा रहे हैं कि केंद्र से राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में गेहूं नहीं मिल रहा है। इसे लेकर उन्होंने एक दिन पहले ही प्रधानमत्री को पत्र भी लिखा है। इसके अलावा वे राज्य की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दे कर अलग से पैकेज भी मांग चुके है, वहीं प्रवासी श्रमिकों को लाने के मामले में भी केंद्र की नीति की मांग कर रहे है। सरकार के मंत्री भी लगातार इसी तरह के मुद्दे उठा रहे हैं।
उधर, राजस्थान भाजपा का कहना है कि इस संकट के समय में भी सरकार राजनीति कर रही है। वीडियो कॉन्फ्रेस के जरिए हुए प्रेसवार्ता में पार्टी के नेता प्रतिपक्ष गुलब चंद कटारिया का कहना है कि सरकार हर बात के लिए केंद्र का मुंह ताक रही है, लेकिन पहले यह बताए कि सरकार ने अपने खजाने क्या खर्च किया। उन्होंने कहा कि उनकी गणना के हिसाब से राजस्थान को केंद्र सरकार अब तक 17 से 18 हजार करोड़ की मदद दे चुकी है, जो अन्य राज्यों से ज्यादा है। अकेले नरेगा में दस हजार करोड़ से ज्यादा की मदद मिल चुकी है। इसके अलावा 40 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि उसने कितना पैसा अपने पास से खर्च किया और केंद्र से मिली राशि का क्या उपयोग किया।
वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सरकार किसानों का ध्यान नहीं रख रही है। गेहूं की खरीद के लिए हर पांच ग्राम पंचायत में एक खरीद केंद्र होना चाहिए था, ताकि भीड न लगे, लेकिन सरकार ने 20-25 ग्राम पंचायतों में एक खरीद केंद्र की व्यव्स्था की है।
वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार हमारे विधायकों और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज कर विद्वेश् की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हर मामले में सिर्फ लीपापोती कर रही है।