Rajasthan: पिंक सिटी जयपुर 293 साल का हो गया, 18 नवंबर 1727 को हुई थी स्थापना
18 नवंबर 1727 को जयपुर की स्थापना पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। अपनी बेजोड़ वास्तुकला और चारदीवारी में गुलाबी रंग के कारण जयपुर देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। तत्कालीन राजपरिवार के रहने के लिये सिटी पैलेस बनाया गया था।
जयपुर, जागरण संवाददाता। दुनियाभर में पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्घ जयपुर शहर बुधवार को 293 साल का हो गया है। 18 नवंबर 1727 को जयपुर की स्थापना पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। अपनी बेजोड़ वास्तुकला और चारदीवारी में गुलाबी रंग के कारण जयपुर देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
हर साल 18 नवंबर को जयपुर का स्थापना मनाया जाता रहा है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण कोई बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। लेकिन परंपरा के अनुसार हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर ने गंगापोल गेट पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। जयपुर की नींव रखने वाले पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह ने एक ऐसे शहर की कल्पना थी जो न सिर्फ स्थापत्य कला की दृष्टि से बेहतरीन हो बल्कि कला, संस्कृति और फैशन के लिहाज से पेरिस को भी टक्कर दे सके।
जयपुर कच्छवाहा वंश की राजधानी रहा है। पिछले कुछ दशकों में जयपुर ने जबर्दस्त तरक्की की। यह शहर यूनेस्को वर्ल्ड हरिटेज की सूची में शामिल है। प्राचीन इतिहासकारों का कहना है कि जयपुर की स्थापना बड़ी दूरदर्शिता के साथ की थी।
शहर के स्थापना के समय ही यहां चौड़ी-चौड़ी सड़कें रखी गई थी। ये सड़कें आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। पहले शहर को चारदीवारी के अंदर यानी कि परकोटे में बसाया गया था। लेकिन वक्त के साथ-साथ बढ़ती आबादी के कारण शहर परकोटे से बाहर निकलकर आज कई किलोमीटर दूरी तक फैल गया है। चारदीवारी के चारों तरफ बड़े-बड़े दरवाजे हैं। तत्कालीन राजपरिवार के रहने के लिये सिटी पैलेस बनाया गया था।
जयपुर में आमेर महल, राम निवास बाग, जंतर-मंतर, हवामहल, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़, जयगढ़, सिसोदिया रानी का बाग छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़ समेत दर्जनों ऐसी धरोहर हैं जो देसी और विदेशी पर्यटकों के लिये बेहद आकर्षण का केन्द्र हैं। 18 नवंबर 1727 को जयपुर की स्थापना पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। अपनी बेजोड़ वास्तुकला और चारदीवारी में गुलाबी रंग के कारण जयपुर देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।