राजस्थान में पेट्रोल के दाम सेंचुरी पार, गहलोत ने केंद्र को बताया जिम्मेदार
राजस्थान में पेट्रोल के दाम सेंचुरी पारगहलोत ने केंद्र को बताया जिम्मेदार भाजपा व पेट्रोलियम एसोसिएशन ने राज्य सरकार से वैट कम करने की मांग की राजस्थान में पेट्रोल के भाव 100 के पार हो गए। श्रीगंगानगर जिले में प्रीमियम पेट्रोल 101.54 रुपए लीटर लोगों को मिल रहा है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में पेट्रोल के भाव 100 के पार हो गए। प्रदेश के श्रीगंगानगर जिले में प्रीमियम पेट्रोल 101.54 रुपए लीटर लोगों को मिल रहा है। वहीं सामान्य पेट्रोल 97.69 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। जयपुर में पेट्रोल 93.60 और डीजल 85.67 पैसा प्रति लीटर हो गया। पेट्रोल व डीजल के भावों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी व व्यापारी परेशान है। सभी ने सरकार से दरों में कमी करने की मांग की है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण ऐसा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय जब पेट्रोल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल रेट हो गई थी तब पेट्रोल 60-65 प्रति लीटर बिकता था। अब पेट्रोल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो रहे हैं तो केंद्र सरकार कम करने के बजाय प्रति लीटर दर बढ़ा रही है। उन्होंने कहा राज्यों को दोष देना गलत है। केंद्र सरकार उस एक्साइज को तो घटा रही है,जिसमें राज्यों का हिस्सा होता है और जिसमें राज्यों का हिस्सा नहीं होता उसे बढ़ा रही है। उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार से पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करने की मांग की है। पूनिया का कहना है कि पेट्रोल व डीजल पर सबसे अधिक वैट राजस्थान में लगता है। वहीं प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले एक माह में पेट्रोल-डीजल की दर 16 बार बढ़ाई है।
पड़ौसी राज्यों में सत्ता मिल रहा पेट्रोल और डीजल
आम नागरिकों व व्यापारियों ने भी राज्य सरकार से वैट कम करने का आग्रह किया है, जिससे उन्हे कम दर पर पेट्रोल व डीजल मिल सके। प्रदेश में राज्य सरकार की तरफ से पेट्रोल पर जहां 38 और डीजल पर 28 फीसदी वैट लगता है। कोरोना महामारी के लिए फंड जुटाने को लेकर राज्य सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त ट्रैक्स करीब 6 माह पूर्व लगाया था,जिसके कारण कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
राजस्थान पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने कहा कि पड़ौसी राज्य हरियाणा में सस्ता होने के कारण उधर से आने वाले वाहन राजस्थान में पेट्रोल व डीजल नहीं लेते हैं। इसका नुकसान प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों को हो रहा है। आम आदमी को भी मुश्किल हो रही है। बगई ने कहा कि प्रदेश में पेट्रोलियम कारोबार अब घाटे का सौदा हो गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पड़ौसी राज्य हरियाणा में पेट्रोल पर 25 और डीजल पर 16.40 फीसदी, पंजाब में पेट्रोल पर 25 और डीजल पर 15.94 फीसदी वैट है। इसी तरह उत्तरप्रदेश में पेट्रोल पर 26.80 व डीजल पर 17.48 पैसे,मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर 33 व डीजल पर 23 प्रतिशत वैट है।