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राजस्थान के पूर्व विधायकों की पत्नियों में बंटेगी पेंशन, शराब व बीयर महंगी, ये विधेयक हुए पारित

राजस्थान में पूर्व विधायकों की एक से अधिक पत्नी होने पर पेंशन का बंटवारा समान रूप से होगा । वहीं ऐसे पूर्व विधायक जिनके पति या पत्नी पुनर्विवाह कर लेते हैं उन्हे पेंशन नहीं मिल सके

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:16 PM (IST)
राजस्थान के पूर्व विधायकों की पत्नियों में बंटेगी पेंशन, शराब व बीयर महंगी, ये विधेयक हुए पारित
राजस्थान के पूर्व विधायकों की पत्नियों में बंटेगी पेंशन, शराब व बीयर महंगी, ये विधेयक हुए पारित

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान में पूर्व विधायकों की एक से अधिक पत्नी होने पर पेंशन का बंटवारा समान रूप से होगा । वहीं ऐसे पूर्व विधायक जिनके पति या पत्नी पुनर्विवाह कर लेते हैं उन्हे पेंशन नहीं मिल सकेगी। प्रत्येक पूर्व विधायक को 12,500 रुपए पेंशन मिलेगी । राज्य विधानसभा में सोमवार को अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया।

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इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पूर्व विधायक के परिजनों को कौटुंबिक पेंशन मिलेगी । इसके तहत पूर्व विधायक की मृत्यु पर उसके अविवाहित पुत्र अथवा पुत्रियों में पेंशन का समान रूप से बंटवारा होगा। विधेयक में राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक को 70 की जगह अब 80 हजार रुपए प्रतिमाह सत्कार भत्ता दिया जाएगा । विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से विदेश यात्रा करने वाले विधायकों एवं पूर्व विधायकों को यात्रा भत्ता दिया जाएगा । किराये के बराबर रकम का  पुनर्भरण होगा । वहीं विधानसभा में राजस्थान आबकारी संशोधन विधेयक, 2020 पारित किया गया। इसके तहत शराब व बीयर पर सरचार्ज लगाया गया है। शराब व बीयर की प्रति बोतल पर 20 रुपए व अद्धे एवं पव्वे पर 5 रुपए सरचार्ज लगेगा।

आबकारी संशोधन विधेयक में सरकार ने कहा है कि जीएसटी से राज्य के पास कर लगाने की सीमित शक्तियां रह गई है। ऐसे में सूखा, बाढ़, महामारी, लोक स्वास्थ्य और प्राकृतिक आपदाओं के शमन के प्रयोजनों के लिए अतिरिक्त निधि की आवश्यक्ता है।इसके अलावा आकस्मिक खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है। इस कारण सरकार के वित्तीय संशाधनों पर अतिरिक्त भार आया है । आबकारी अधिनियम,1950 में संशोधन करके आबकारी के रूप में वसूले जा रहे शुल्क पर सरचार्ज वसूला जाएगा। अब मदरसा बोर्ड को सैंवधानिक दर्जा मिलेगा ।

ये विधेयक हुए पारित

विधानसभा में राजस्थान माल और सेवा कर (तृतीय संशोधन) विधेयक,राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों व सदस्यों की परिलब्धियां व पेंशन) संशोधन विधेयक ,राजस्थान विशेष न्यायालय (निरसन) विधेयक ,राजस्थान आबकारी संशोधन विधेयक,राजस्थान स्टाम्प संशोधन विधेयक,राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों का पुर्नवास संशोधन विधेयक,स्टांप संशोधन विधेयक, कृष उपजमंडी विधेयक,मदरसा बोर्ड विधेयक,महामारी विधेयक,पुलिस संशोधन विधेयक,एकल खिड़की विधेयक,कृषि जोतों पर अधिकतम सीमा अधिरोपण संशोधन विधेयक पारित किए गए । इनमें से 8 तो पहले से कार्यसूची में पंजीबद्ध थे शेष 5 विधेयक सरकार ने सदन में अचानक पेश किये,जिसका भाजपा ने विरोध किया ।  विधेयक पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।


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