पंसारी बेचते थे दुर्लभ पेंगोलिन के शल्क, पकड़े गए
पंसारी बाजार में छापामारी शुरू की तो चार दुकानों से बड़ी मात्रा में वन्यजीवों के विभिन्न अंग मिले। यहां पंसारी दुर्लभ पेंगोलिन के शल्क, सियार सिंगी, वन्यजीवों के अन्य अंगों का कारोबार कर रहे थे।
उदयपुर, जेएनएन। यहां पंसारी दुर्लभ पेंगोलिन के शल्क, सियार सिंगी, हत्था जोड़ी तथा वन्यजीवों के अन्य अंगों का कारोबार कर रहे थे। वन विभाग को इसका पता चला और पुलिस के सहयोग ने उदयपुर के धानमंडी स्थित पंसारी बाजार में छापामारी शुरू की तो चार दुकानों से बड़ी मात्रा में वन्यजीवों के विभिन्न अंग मिले।
इनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई है। गिरफ्तार चार दुकानदारों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार विभाग को शंका है कि उनके संपर्क शिकारियों से हैं तथा शिकारियों से ही वन्यजीवों के अंगों की खरीद-फरोख्त कर बेचते हैं। जिस पर मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव राहुल भटनागर के निर्देशन में वन
विभाग की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में धानमंडी क्षेत्र में पंसारियों की ओल स्थित मैसर्स कैलाशचद्र रमेशकुमार सरावड़ी, शाह फकीरचंद व शोभालाल पगारिया, मोडीलाल जीतमल जैन एवं भेरुलाल बाबूलाल सोनी की दुकानों पर एक साथ छापे मारे। दुकानों से बड़ी मात्रा में वन्यजीवों के कई अंग मिले, जिनका रखना और बेचान अवैध है। जिस पर चारों दुकानदारों को गिरफ्तार करते हुए वन्यजीवों के अंग बरामद किए।
बता दें, वन्यजीवों के अंगों का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है तथा जरूरतमंदों से इन सामग्री के अच्छे दाम वसूलते हैं। वन क्षेत्रों में सक्रिय शिकारी इन अंगों को पाने के लिए वन्यजीवों की हत्या करते हैं।