NEET Exam 2020: बेटी को नीट एग्जाम दिलवाने आए पिता ने कहा, इस साल परीक्षा नहीं होती तो अगले साल फीस कहां से लाता
NEET 2020 जयपुर में बेटी की नीट का एग्जाम दिलाने आए पिता ने कहा कि डर था कि अगर एग्जाम इस साल नहीं हुआ तो अगले साल दोबारा कोचिंग फीस का इंतेजाम कैसे करूंगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। NEET 2020: देशभर में रविवार को मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा हुई। राजस्थान के 269 परीक्षा केंद्रों पर एक लाख आठ हजार स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। जयपुर के 54 परीक्षा केंद्रों पर 20 हजार 900 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए। जयपुर के सुबोध स्कूल में बेटी को परीक्षा दिलाने लाए शहर के प्रतापनगर निवासी राजकुमार शाह का कहना है कि नीट की परीक्षा रद होने को लेकर पिछले दिनों चली चर्चा के बीच मन में हमेशा भय रहता था। उन्होंने कहा कि परीक्षा इस बार नहीं होती तो वे अगले साल फीस कहां से लाते, बड़ी मुश्किल से इस बार तैयारी कराई थी। फुटपाथ पर हेलमेट बेचने वाले राजकुमार शाह ने कहा कि मेरा शुरू से सपना रहा कि बेटी काजल को डॉक्टर बनाना है।
उन्होंने कहा कि परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पांच माह से फुटपाथ पर हेलमेट नहीं बेच पा रहा, घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। कर्ज लेकर बेटी को कोचिंग कराई। उसके लिए एक अलग कमरे में पढ़ने का इंतजाम किया। कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया। बेटी देर रात तक पढ़ती थी। पत्नी उसे कमरे तक ही खाना, चाय-नाश्ता खिलाती। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले नीट परीक्षा स्थगित करने को लेकर राजनीति शुरू हो गई तो डर लगने लगा कि अगर एग्जाम इस साल नहीं हुआ तो अगले साल दोबारा कोचिंग फीस का इंतेजाम कैसे करूंगा। परिवार में सभी परेशान होने लगे थे। अब परीक्षा हो रही है तो उम्मीद है कि बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना पूरा होगा।
गौरतलब है ति कोरोना महामारी के मद्देनजर कड़े एहतियाती उपायों के साथ रविवार को मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का आयोजन किया गया। शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा केंद्रों की संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी थी, जबकि प्रत्येक कक्ष में 24 के बजाय सिर्फ 12 ही अभ्यर्थी बैठने की व्यवस्था थी। नीट पेन-पेपर आधारित परीक्षा है। इसका आयोजन तीन मई को होना था, लेकिन महामारी के कारण पहले इसे 26 जुलाई और फिर 13 सितंबर को कराने का फैसला किया गया। कुल 15.97 लाख अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था।