राजस्थान दिवस के मौके पर जेलों में सजा काट रहे 1200 बंदियों की होगी रिहाई
ये वे कैदी होंगे जो सदाचारपूर्वक अपनी सजा काट रहे हैं या गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। बुजुर्ग कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। इस संबंध में जेल विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रस्ताव भेजा जिसे मंजूरी दी गई है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की जेलों में लंबे समय से सजा काट रहे 1200 कैदियों को राजस्थान दिवस के मौके पर रिहा किया जाएगा। प्रतिवर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। इस साल सरकार ने 1200 कैदियों को समय से पहले रिहा करने का निर्णय लिया है ये वे कैदी होंगे जो सदाचारपूर्वक अपनी सजा काट रहे हैं या गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। बुजुर्ग कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। इस संबंध में जेल विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रस्ताव भेजा, जिसे मंजूरी दी गई है। जेल विभाग के प्रस्ताव में कहा गया कि रिहा होने वाले सभी कैदी वे हैं जिनका जुर्म काफी कम है और वे विभिन्न समस्यााओं से ग्रसित हैं ।
सीएम ने कहा कि बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित कैदियों को रिहा किया जाएगा, जिससे वे कोरोना संक्रमण के खतरे से बचे रहें। बुजुर्ग पुरूष कैदी जिनकी उम्र 70 साल और 65 वर्ष की महिला कैदियों को रिहा किया जाएगा। वे कैदी जो अपनी सजा का एक तिहाई हिस्सा भुगत चुके हैं, उन्हे समय से पहले रिहाई मिलेगी। रिहा होने वालों में ऐसे कैदियों की संख्या सबसे अधिक है जो आजीवन कारावास से दंडित हैं और 14 साल से सजा भुगत रहे हैं। वे कैदी जो एड्स, कैंसर अथवा दृष्टिहीनता सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हे रिहाई में प्राथमिकता दी जा रही है। ये वे कैदी हैं जिन्हे अपने दैनिक नित्यकर्म पर भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
जेल विभाग के निरीक्षक राजीव दासोत ने बताया कि ऐसे कैदियों को वर्तमान में स्थाई पैरोल पर होने की स्थिति में ही रिहा किया जा सकेगा। जधन्य अपराधों में लिप्त रहे 28 विभिन्न श्रेणियों के कैदियों को सरकार के इस फैसले से राहत नहीं मिलेगी। इसमें ऑनल किलिंग, दुष्कम, मॉब लिंचिंग,ऑनर किलिंग, पॉक्सो एक्ट, आबकारी अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, एनडीपीसी एक्ट, आम्र्स एक्ट, गौवंश अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम सहित अन्य जधन्य अपराधों में बंद कैदी शामिल हैं।