समयाभाव के कारण रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले में नहीं हुई सुनवाई, अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी
जमीन घोटाले व मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर बिचौलिए महेश नागर व स्काईलाइट होस्पिटिलिटी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी। एएसजी राजदीपक रस्तोगी और एएएसजी बीपी बोहरा पक्ष पैरवी कर रहे है। बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में जमीन खरीद से जुड़ा है मामला।
जासं, जोधपुर। बीकानेर के कोलायत फायरिंग रेंज में जमीन घोटाले तथा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी व अन्य से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में आज भी सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले को लेकर 24 फरवरी की तारीख तय की गई है। तबतक पूर्व में दिए गए आदेश के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक यथावत रहेगी। राजस्थान हाईकोर्ट मुख्यपीठ जोधपुर में जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा व उनकी माँ मौरीन वाड्रा से जुड़े मामले पर सुनवाई होनी थी।
राजस्थान उच्च न्यायालय में विविध आपराधिक याचिका पेश की गई थी
जमीन घोटाले व मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर बिचौलिए महेश नागर व स्काईलाइट होस्पिटिलिटी की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में विविध आपराधिक याचिका पेश की गई थी। वहीं ईडी की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी ने पूर्व में एक अर्जी कोर्ट के समक्ष पेश कर आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता जताई थी, इसके लिए ईडी ने कोर्ट से रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी है ।
एएसजी राजदीपक रस्तोगी और एएएसजी बीपी बोहरा पक्ष पैरवी कर रहे है
ईडी की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी और एएएसजी बीपी बोहरा पक्ष पैरवी कर रहे है वहीं वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी, कुलदीप माथुर, वरुण सिंघवी व अभिषेक मेहता पैरवी कर रहे हैं। मामला राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन समयाभाव के चलते मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। मामले में आगामी 24 फरवरी को फिर सुनवाई होगी।
बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में जमीन खरीद से जुड़ा है मामला
रोबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड ने 2012 में बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी। यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए। जबकि सेना से सम्बंधित इस क्षेत्र की जमीन को बेचा नहीं जा सकता था। इन लोगों के माध्यम से ही वाड्रा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया।
न्याय क्षेत्र जोधपुर है अतः इस मामले की सुनवाई यहीं हो रही
फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया। मनी लांड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी की पूछताछ से बचने के लिए वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास करते रहे। हाईकोर्ट ने वाड्रा को ईडी के समक्ष पेश होने के आदेश भी दिए थे। जिसके बाद वाड्रा जयपुर में ईडी के समक्ष पेश भी हुए थे। ईडी की सख्ती पर वाड्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में अपील की है । मामला बीकानेर से जुड़ा है जिसका न्याय क्षेत्र हाई कोर्ट के अनुसार जोधपुर है अतः इस मामले की सुनवाई जोधपुर में हो रही है।