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राजस्थान में हड़ताल खत्म करने की कोई कोशिश नहीं, रोडवेज को हुआ 40 करोड़ का नुकसान

राजस्थान में रोडवेज बसों की हड़ताल मंगलवार को 9वें दिन भी जारी रही।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 04:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 04:01 PM (IST)
राजस्थान में हड़ताल खत्म करने की कोई कोशिश नहीं, रोडवेज को हुआ 40 करोड़ का नुकसान
राजस्थान में हड़ताल खत्म करने की कोई कोशिश नहीं, रोडवेज को हुआ 40 करोड़ का नुकसान

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में रोडवेज बसों की हड़ताल मंगलवार को 9वें दिन भी जारी रही। हड़ताल के कारण एक ओर जहां रोजाना लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,वहीं दूसरी ओर रोडवेज को भी प्रतिदिन 40 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। लेकिन इसके बाद भी राजस्थान सरकार द्वारा हड़ताल को खत्म करने की कोशिश नहीं की जा रही है।

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राज्य के परिवहन मंत्री यूनुस खान ने एक दिन तो कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक की,लेकिन फिर कोई बातचीत नहीं हुई। इसके चलते करीब 10 लाख लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते प्रदेश के 104 डिपो से चलने वाली रोड़वेज की 4700 बसें खड़ी है।

रोड़वेज बस स्टेंड पर रोजाना बस के चलने की आस में कई लोग पहुंच रहे है, लेकिन बसों के हड़ताल पर होने के कारण उन्हें काफी धक्के खाने के बाद आखिर में निजी बसों की मनमानी को मानना पड़ रहा है। निजी बस चालकों ने किराया दो से तीन गुना तक बढ़ा दिया। इसके बाद भी अब तक रोडवेज और सरकार की ओर से इस हड़ताल को खत्म करने की कोशिशे नहीं की जा रही है ।

निजी बस में जयपुर से दिल्ली का किराया 1500 रूपए

सामान्य दिनों में रोड़वेज की बसों में जयपुर से दिल्ली का किराया 500 से 900 रूपए तक लगता था । वहीं निजी बस चालक जयपुर से दिल्ली का किराया 300 से 600 रूपए लेते थे। लेकिन रोड़वेज बसों की हड़ताल शुरू होने के बाद से निजी बस चालकों ने जयपुर से दिल्ली का किराया 1500 रूपए कर दिया है। जयपुर से अजमेर का किराया पहले निजी बसों में 200 रूपए होता था अब 600 रूपए लिया जा रहा है। रोड़वेजकर्मियों के समर्थन में जयपुर में चलने वाली लो फ्लोर बसों के चालक और परिचालकों ने भी हड़ताल कर दी। इस हड़ताल के चलते मिनी बस चालक जयपुर शहर में मनमाना किराया वसूल रहे है।

नो वर्क नो पेमेंट

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाते ही रोड़वेज प्रशासन ने नो वर्क नो पेमेंट का आदेश जारी कर दिया। प्रशासन का कहना है कि जो कर्मचारी काम नहीं करेगा उसे वेतन भी नहीं मिलेगा। करीब 17 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण बिगड़े हालात को सुधारने के बजाय प्रशासन कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराने में जुटा है। रोड़वेज के एमडी सांवरमल वर्मा का कहना है कि सरकार कर्मचारियों के साथ बात कर रहा है,शीघ्र कोई हल निकलेगा ।


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