जेल में बंद आसाराम के लिए खड़ी हुई नई मुसीबत
नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में पिछले चार वर्षों से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में पिछले चार वर्षों से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। आसाराम के समर्थकों द्वारा दो दिन पहले जोधपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर में आसाराम समर्थकों द्वारा वकीलों के साथ की गई धक्का-मुक्की के बाद मामले की सुनवाई जेल में कराने पर विचार किया जा रहा है।
इस मामले में पुलिस की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से तीन दिन में जवाब मांगा है। जस्टिस जी.के.व्यास और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने सोमवार को वकीलों के साथ दो दिन पहले हुई धक्कामुक्की पर नाराजगी जताई।
सुनवाई के दौरान पुलिस थाना अधिकारी मदन बेनीवाल ने जेल परिसर में ही सुनवाई करने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का काम है ।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने पक्ष रखते हुए कहा कि आसाराम की पेशी के दौरान उनके समर्थक हंगामा करते हैं। ऐसे में सुनवाइ्र जेल में शिफ्ट की जाए। इस पर आसाराम के वकील महेश बोडा ने विरोध जताते हुए कहा कि सुनवाई अंतिम चरण में है और ऐसे में जेल में सुनवाई नहीं होनी चाहिए । आसाराम अपने समर्थकों को शांति से रहने के लिए समझाएंगे ।