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कांग्रेस की नई रणनीति, मंत्रियों की तर्ज पर अब विधायक भी करेंगे जनसुनवाई, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बंद हुई सुनवाई

राजस्थान कांग्रेस विधायकों को अब ब्लॉक स्तर पर नियमित रूप से लोगों की जनसुनवाई करके स्थानीय समस्याओं का समाधान करना होगा। कांग्रेस में अब विधायको को भी मंत्रियों की तर्ज पर जनसुनवाई करने का टास्क मिलेगा। मंत्री जिलों में इसकी शुरुआत कर चुके हैं ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 01:02 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 01:02 PM (IST)
कांग्रेस की नई रणनीति, मंत्रियों की तर्ज पर अब विधायक भी करेंगे जनसुनवाई, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बंद हुई सुनवाई
राजस्थान कांग्रेस में अब विधायको को भी मंत्रियों की तर्ज पर जनसुनवाई करने का टास्क मिलेगा।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान कांग्रेस में अब विधायको को भी मंत्रियों की तर्ज पर जनसुनवाई करने का टास्क मिलेगा। कांग्रेस विधायकों को अब ब्लॉक स्तर पर नियमित रूप से लोगों की जनसुनवाई करके स्थनीय समस्याओं का समाधान करना होगा। इस जनसुनवाई में स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने इस संबंध में निर्देश दिये हैं। अब जल्द सभी कांग्रेस विधायकों को जनसुनवाई के लिए विस्तार से कार्यक्रम और बनाकर भेजने की तैयारी है।

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कांग्रेस की इस व्यवस्था को आगामी समय में आने वाले पंचायती राज के जिला परिषद् और पंचायत समितियों के चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है ताकि पार्टी आम आदमी के बीच अपनी पैठ को मजबूत कर सके। अजय माकन ने सचिन पायलट के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुरू की गई मंत्रियों की जनसुनवाई को अब बंद करके जिलों में मंत्रियों की जनसुनवाई की व्यवस्था लागू की है।

मंत्री जिलों में इसकी शुरुआत कर चुके हैं । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा कि जिले के प्रभारी मंत्री जिलों में जनसुनवाई करके समस्या का समाधान करेंगे, इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब ब्लॉक स्तर पर समस्या का समाधान हो इसके लिए हर विधायक अपने ब्लॉक के अफसरों के साथ जनसुनवाई करेगा। यह व्यवस्था जल्द लागू की जाएगी।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जनसुनवाई नहीं करते जिसकी वजह से लोगों में नारजगी बढ़ती जा रही है और यह एंटी इंकम्बन्सी का बड़ा कारण बनता है। विधायकों को अब पीसीसी से निर्देश भेजकर नियमित रूप से जनसुनवाई के लिए पाबंद किया जाएगा। उनके साथ में स्थानीय अफसर रहेंगे।

इस व्यवस्था से तहसील और उपखंड स्तर की समस्याओं और शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सकता है। हालांकि सरकारी स्तर पर कलक्टर और उपखंड अधिकारियों के भी जनसुनवाई और दौरों का कार्यक्रम तय है, लेकिन विधायक की जनसुनवाई का मॉडल राजनीतिक प्रशासनिक रखा गया है। 


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