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न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में राजस्थान में जारी है आंदोलन, न्यू पेंंशन भोगियों ने मनाया ब्लैक डे

न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने मंगलवार को काली पट्टी बांधकर मकर संक्रांति को ब्लैक डे मनाया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:47 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:47 AM (IST)
न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में राजस्थान में जारी है आंदोलन, न्यू पेंंशन भोगियों ने मनाया ब्लैक डे
न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में राजस्थान में जारी है आंदोलन, न्यू पेंंशन भोगियों ने मनाया ब्लैक डे

उदयपुर। न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने मंगलवार को काली पट्टी बांधकर मकर संक्रांति को ब्लैक डे मनाया। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने इसे पेंशन शोक दिवस की संज्ञा दी। आज ही के दिन 2004 में राजस्थान सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए लागू पेंशन योजना में बदलाव किया और न्यू पेंशन स्कीम लागू की थी, जिसके विरोध में राजस्थान में कर्मचारियों ने संगठन बनाया और आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इस आंदोलन की शुरूआत मेवाड़ से हुई और प्रदेश भर के राज्य कर्मचारी इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं।

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न्यू पेंशन लागू किए जाने के दिन को फेडरेशन से जुड़े कर्मचारी शोक दिवस के रूप में मनाते आए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को भी शोक दिवस मनाया और कार्य स्थल पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना था कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों की पुरानी पेंशन बंद कर न्यू पेंशन स्कीम एनपीएस म्यूचल फंड योजना जबरन लागू कर दी जो कर्मचारियों से धोखाधड़ी है। उनका कहना है कि राजस्थान सरकार ने चौदह जनवरी 2004 को एक नोटिफिकेशन के जरिए 2004 को राजस्थान पेंशन रूल 1996 में संशोधन कर राज्य के सरकारी, अद्र्ध सरकारी,

स्वायत्तशासी संस्थाओं के लाखों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया था। जिसकी सोलहवीं बरसी पर मंगलवार को प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने पेंशन शोक दिवस मनाया तथा कार्यस्थल पर हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्शाया।

न्यू पेंशन स्कीम एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान की प्रदेश महिला संगठन की अध्यक्ष ममता शर्मा का कहना है कि न्यू पेंशन नीति के विरोध में उनकी लड़ाई प्रतापगढ़ जिले से शुरू हुई और यह प्रदेश भर में फैल चुकी है। अब उनके आंदोलन में लाखों कर्मचारी जुड़ चुके हैं। उनका कहना है कि बिहार, पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न प्रांतों में पुरानी पेंशन योजना लागू हैं जबकि राजस्थान सरकार ने इसे बदलकर कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। 

उन्होंने बताया कि नई पेंशन योजना म्यूचल फंड आधारित है। इसमें न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। जबकि पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन की आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती रही है। पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति पर अंतिम वेतन के अनुसार साढ़े सोलह गुना राशि ग्रेच्युटी के रूप में मिलती थी। जबकि ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर बीस लाख रुपये की डेथ ग्रेच्युटी मिलती है। उन्हें महंगाई भत्ते और वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता रहता है जबकि न्यू अंशदायी पेंशन योजना एक म्यूचल फंड की तरह है और आपको अपना पूरा पैसा मिलने की भी गारंटी भी नहीं देता है। उन्होंने बताया कि उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, राजसमंद के सैकड़ों कर्मचारियों ने मंगलवार को काली पट्टी बांधकर शोक दिवस मनाया।


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