Rajasthan: राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में ज्योतिषी बोले, उथल-पुथल भरा रहेगा वर्ष 2020
National Astrology Conference in Jodhpur. उदयपुर के पंडित निरंजन भट्ट केके शर्मा पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी पंडित घनश्याम द्विवेदी ने 2020 में वैश्विक मंदी के संकेत दिए।
जोधपुर, संवाद सूत्र। National Astrology Conference in Jodhpur. अप्रैल के पश्चात जब मंगल-गुरु-शनि का गोचर संबंध बनेगा, तब देश ही नहीं विश्व भी बड़े उथल-पुथल से गुजरेगा। वर्ष 2020 के शुरुआत में ही पूरे देश और विश्व में काफी परिस्थितियां बदली हुई हैं। जहां ईरान और अमेरिका के बीच अघोषित युद्ध छिड़ गया है तो वहीं भारत में भी अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह की चुनौतियां उभरने वाली हैं। जोधपुर में देश के अलग-अलग हिस्सों से जुटे ज्योतिषियों ने वर्ष 2020 के परिप्रेक्ष्य में एकमत होकर ये विचार पटल पर रखे। यहां एक दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जोधपुर के सूचना केंद्र मिनी आडिटोरियम मे सूर्यनगरी ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान एवं वेल्कम कल्चर डेवलपमेंट सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमे करीब 200 ज्योतिषियों ने भाग लिया, सम्मेलन में सन् 2020 नव संवत-संक्रांति भविष्यफल पर ज्योतिर्विदों ने अपने विचार रखे। उदयपुर के पंडित निरंजन भट्ट, केके शर्मा, पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी, पंडित घनश्याम द्विवेदी आदि विद्वानों ने 2020 में वैश्विक मंदी के संकेत दिए। वहीं, तेल की समस्या को भी विवाद का बड़ा कारण बन सकने की बात कही।
इससे पहले सम्मेलन का उद्घाटन राजस्थान उच्च न्यायलय के न्यायाधिपति माननीय मनोज कुमार गर्ग, पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच एवम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर चंदन प्रभानंद गिरी ने दीप प्रज्जवलन कर किया। वही, सम्मान सत्र में महामंडलेश्वर स्वामी अचलानंद गिरी जी, पूर्व न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण जी शर्मा एवं संसद सदस्य नारायण पंचारिया ने भी शिरकत की।
इन ज्योतिषियों की रही प्रमुख भागीदारी
सम्मेलन संयोजक पंडित खीवंराज शर्मा ने बताया की इस सम्मेलन में उदयपुर के पंडित निरंजन भट्ट, आलोक आचार्य, पुणे से सुहास डोंगरे, भोपाल से बलराम दुबे, डॉ सपना अरुण सारस्वत, अजमेर से के के शर्मा, ज्योतिषी सुशीला शर्मा, इंदौर से सुरेश आर शर्मा, कोलकाता से किशन सारस्वत, सिंगापुर से आलोक वर्मा व अर्चना वर्मा, जयपुर से डॉ राघव भट्ट , सूरत से लालाभाई, देहरादून से सुनिल माथुर, कोटा से आदित्य शास्त्री, जोधपुर से पंडित घनश्याम द्विवेदी, डॉ शंकर सिंह राजपुरोहित, रेकी नवीन रामावत, पंडित एस के जोशी, रतन शर्मा, मुकेश दाधीच,पंडित चेतन प्रकाश दाधीच, मनोज मिश्रा, सूरज अरुण सारस्वत, रमेश भोजराज द्विवेदी सहित 200 ज्योतिर्विदों ने भाग लिया।
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