Move to Jagran APP

जगह की कमी के कारण घर में ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर है नाथ संप्रदाय

घर में अंतिम संस्कार करने पर इलाके के लोगों का प्रतिशोध भी इस समाज के लोगों द्वारा झेलना पड़ता है । मौहल्ले के लोग घर में मुर्दे को दफन करने का विरोध करते है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 02:03 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 02:03 PM (IST)
जगह की कमी के कारण घर में ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर है नाथ संप्रदाय
जगह की कमी के कारण घर में ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर है नाथ संप्रदाय

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के नाथ संप्रदाय के लोग अपनी पुरानी परंपरा के चलते मृतकों का घर में ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर है। राजस्थान के नाथ संप्रदाय के लोगों को मुक्तिधामों में समाधी बनाने की जगह न मिलने के कारण उन्हें घर में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

loksabha election banner

दरअसल, नाथ संप्रदाय में मौत के बाद समाधि देने की पंरपरा है, लेकिन मुक्तिधामों में उन्हें समाधी बनाने नहीं दी जाती है। कई लोग इसका विरोध करते है,इस कारण से ये लोग अपने ही घर में समाधी बनाने को मजबूर है । कोटा के लाडपुरा के कर्बला इलाके में रहने वाले दयाशंकर योगी की मौत कुछ वर्ष पहले हुई थी। उनकी मौत के बाद जब कहीं और उन्हें दफन करने की जगह नहीं मिली तो परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार अपने ही घर के आंगन में करते हुए समाधी बना दी।

वहीं, समाज के एक अन्य परिवार की घर के अंदर एक खुले हिस्से में दादा-दादी और एक तरफ उनके पूर्वजों की समाधी बनी हुई है। जब इनकी मौत हुई तो परिजनों ने अपने घर में ही इनका अंतिम संस्कार कर दिया और इन्हें घर के अंदर ही समाधी दे दी। समाधियों के ऊपर शिवलिंग की स्थापना की गई है।

नाथ संप्रदाय के लोग शिव के उपासक माने जाते हैं और इसलिए उनकी समाधियों पर शिव परिवार की स्थापना करने की मान्यता है। कोटा में नाथ समाज के लगभग प्रत्येक घर में पूर्वजों की ऐसी समाधियां देखी जा सकती है। जिन घरों में जगह नहीं उनमें तो कमरों तक में ये समाधियां बनाई गईं है।

कोटा के कुन्हाड़ी, लाडपुरा और बोरखेड़ा इलाके में इन नाथ समाज के लोगों की ऐसी कई समाधियां है जो घरों में है ।घर में अंतिम संस्कार करने पर इलाके के लोगों का प्रतिशोध भी इस समाज के लोगों द्वारा झेलना पड़ता है । मौहल्ले के लोग घर में मुर्दे को दफन करने का विरोध करते है ।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.