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COVID 19 के खिलाफ लड़ाई में नारायण सेवा संस्थान भी आया आगे, बांटा जरूरतमंदों को भोजन

कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही देश की लड़ाई में नारायण सेवा संस्थान भी आगे आया है। संस्था ने अब तक हजारों जरुरतमंदों को भोजन कराया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 11:24 AM (IST)
COVID 19 के खिलाफ लड़ाई में नारायण सेवा संस्थान भी आया आगे, बांटा जरूरतमंदों को भोजन
COVID 19 के खिलाफ लड़ाई में नारायण सेवा संस्थान भी आया आगे, बांटा जरूरतमंदों को भोजन

उदयपुर, जागरण न्यूज नेटवर्क। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हर कोई अपना योगदान दे रहा है। इसी बीच दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके समावेशी कल्याण की दिशा में काम करने वाले नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) ने भी देश के साथ कदम मिलाए हैं और कोविड-19 महामारी से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से भोजन के लिए तरस रहे जरूरतमंदों की मदद की है।

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संस्थान ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वंचितों को भोजन प्रदान करके उनके जीवन को बचाने का काम किया है। नारायण सेवा संस्थान की कोरोना रिलीफ सेवा विंग पूरे उदयपुर शहर में प्रति दिन भोजन के 2000 पैकेट वितरित कर रही है। पिछले दो हप्तों में एनजीओ ने शहर में ऑटो रिक्शा चालक, प्रवासी, स्थानीय निवासी, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराया है। 50 स्वयंसेवक नियमित रूप से जरूरतमंद लोगों में भोजन के पैकेट बांट रहे हैं।

संस्था ने दिया 2 लाख रुपये का डोनेशन

21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से अब तक नारायण सेवा संस्थान ने उदयपुर शहर में जरूरतमंद लोगों में 31500 से अधिक भोजन पैकेट बांट दिए है। इतनी ही नहीं, दिव्यांगों ने 9500 मास्क भी तैयार किए हैं, जिन्हें पूरे शहर में बांटा गया है। कोरोना वायरस के किसी भी संभावित संक्रमण से बचने के लिए संस्थान की टीम सेनिटाइजेशन के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी प्रक्रियाओं का पालन भी कर रही है। संस्थान ने राज्य सरकार को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी है।

संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा है, "निस्संदेह लॉकडाउन को लागू करना कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण और अति आवश्यक कदम है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सरकार द्वारा सुझाए गए अन्य नियमों की पालना भी करें, ताकि हम इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकल सकें। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और महामारी की रोकथाम के लिए उन्होंने कई प्रभावी सुधारों को लागू किया है। हमने अपनी ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 लाख रुपए का योगदान भी किया है।"


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