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Coronavirus: राजस्थान में मेडिकल अधिकारियों ने तीन दवाएं अपने कब्जे में ली

Coronavirus. कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और बचाव में काम लेने के लिए तीन दवाओं का विक्रेताओं के पास उपलब्ध स्टॉक को मेडिकल विभाग के अधिकारियों ने अपने कब्जे में लिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 06:28 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 06:28 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में मेडिकल अधिकारियों ने तीन दवाएं अपने कब्जे में ली
Coronavirus: राजस्थान में मेडिकल अधिकारियों ने तीन दवाएं अपने कब्जे में ली

जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus. देश और प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राजस्थान सरकार ने इसे रोकने और बचाव में काम में आने वाली तीन दवाओं को अधिग्रहित किया है। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और बचाव में काम लेने के लिए इन तीनों दवाओं का विक्रेताओं के पास उपलब्ध स्टॉक को मेडिकल विभाग के अधिकारियों ने अपने कब्जे में लिया है।

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चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार जो तीन दवाएं अधिग्रहित की गई हैं, उनमें रिटोनावीर प्लस लोपिनावीर टेबलेट 50 व 200 एमजी, हाईड्रोक्साइक्लोरोक्सवाइन 200 और 400 एमजी टेबलेट तथा ओसेल्टामिवीर 75 एमजी कैप्सूल के साथ ही ड्राइ सिरप शामिल है। आदेश में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ व यूएनओ द्वारा कोरोना को महामारी घोषित करने के बाद इन दवाओं को लोकहित में सरकार नोटिफाई करती है। ये तीनों दवाइयां मलेरिया, एचआइवी और स्वाइन फ्लू जैसे रोगों के इलाज के काम आती हैं। देश में कोरोना वायरस फैलने के बाद जयपुर स्थित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने इलाज के लिए इन तीनों का ही उपयोग किया।

प्रदेश में इटली के दो पर्यटकों के इलाज के लिए सबसे पहले इन दवाओं को काम में लिया गया था। वर्तमान में भी इनका उपयोग किया जा रहा है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अभी तक इनके उपयोग को लेकर अधिकृत मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश के चिकित्सक इन दवाओं को काम में ले रहे हैं।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, फिजिशियन डॉ. रमण शर्मा और डॉ. डी एस मीणा की टीम इनका उपयोग कर रही है। रोहित कुमार सिंह ने नेबुलाइजर मशीन के उपयोग को लेकर भी शनिवार को एक एडवायजरी जारी की है। इसमें उन्होंने कहा कि श्वसन रोग से ग्रसित रोगियों के लिए नेबुलाइजर मशीन काम में ली जाती है, जो कि कोविड-19 के साथ ही अन्य रोगों के संचार का माध्यम हो सकता है। इसको देखते हुए प्रत्येक रोगी के उपचार के लिए नेबुलाइजर मशीन को उपयोग में लेते हुए अलग-अलग मास्क काम में लिया जाए। 

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