एमडीएम रेमडेसीविर इंजेक्शन प्रकरण: नर्सिंग कर्मियों की मिलीभगत से इंजेक्शन की कालाबाजारी से बनाये लाखों रुपये
जोधपुर में कोरोना संक्रमण के दौरान एमडीएम अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी के खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अस्पताल की हाई लेवल कमेटी जाँच रिपोर्ट में अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से रेमडेशिविर इंजेक्शन घपले का अंदेशा जताया गया है।
जोधपुर, रंजन दवे। जोधपुर संभाग के एमडीएम अस्पताल में रेमेडीसीवर इंजेक्शन के कालाबाजारी के मामले में गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में एक नहीं 14 कर्मचारियों के सनलिप्तता का अंदेशा जताया गया है। वहीं, इस अभी कर्मचारियों के द्वारा तकरीबन 240 से 250 इंजेक्शन के कालाबजारी कर लाखों रुपये उठाने की बात उजागर हुई है। इसके बाद से एमडीएम अस्पताल के नर्सिंग कर्मियों में हड़कंप है। इधर अस्पताल प्रशासन अब पुलिस में जांच देने की बात कह रहा है।
जोधपुर में कोरोना संक्रमण के दौरान संभाग के सबसे एमडीएम अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी के खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अस्पताल की हाई लेवल कमेटी जांच रिपोर्ट में अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से रेमडेशिविर इंजेक्शन घपले का अंदेशा जताया गया है। मेडिसिन विभाग के डॉ अरविन्द जैन की अध्यक्षता में बनाई कमेटी ने एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ एमके आसेरी जांच रिपोर्ट सोप दी है। जांच रिपोर्ट में अस्पताल 14 नर्सिंग कर्मी व फार्मासिस्ट को रेमडेशिविर इंजेक्शन के घपले का अंदेशा जताया है। वहीं, जिन लोगों के नाम से इंजेक्शन उठाए गए हैं वह कभी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए। केवल उनके नाम की पर्ची बनी और उस पर्ची पर इस इंजेक्शन की अनिवार्यता बताते हुए सरकार से इंजेक्शन उठाए गए, जिनको बाजार में महंगे दामों में बेच दिया गया।
विगत माह में जब कोरोना की दूसरी लहर परवान पर थी, ऐसे में ऑक्सीजन किल्लत के साथ रेमेडीसेवर कि जमकर कालाबजारी हुई। कई संक्रमित मरीजो की जान भी गयी, कइयों को बेड तक नहीं मिले कइयों को इंजेक्शन नसीब नहीं हुए। लेकिन अस्पताल में कुछ अलग ही खेल चल रहा था जो कि किसी साथी नर्सिंगकर्मी की सजगता और मानवीयता के कारण उजागर हो गया। जिसके बाद एक नर्सिंग कर्मी भरत विश्नोई को पकड़ा गया था। उसके बाद जांच कमिटी के गठन कर पड़ताल की गई तो 14 नर्सिंग कर्मियों के इस कालाबाजारी में शामिल होने का पता चला जिसके बाद तकरीबन 240 इंजेक्शन का घपला सामने आया है। कमेटी के अनुसार14 नर्सिंग कर्मी व फार्मासिस्ट मिलकर फर्जी मरीजों के डाटा भरकर 240 रेमडेशिविर इंजेक्शन उठाकर बाजार में भारी पैसा कमाया है ।
कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को सौंपी जाएगी
अस्पताल प्रसाशन एमडीएम अस्पताल में हाई लेवल जांच कमेटी की रिपोर्ट अब पुलिस को सोपने जा रहा है। एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ एमके आसेरी ने बताया की अस्पताल की जाँच रिपोर्ट के साथ एक पत्र पुलिस प्रसासन को सोप जांच करने का लिखा रहा है। इसके अलावा दोषियों के खिलाफ विभागीय करवाई के लिए भी कहा गया है।