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उदयपुर में जनजाति राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का महाकुंभ, आठारह राज्यों की छह सौ जनजाति छात्र-छात्राएं लेंगे भाग

उदयपुर में जनजाति राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का महाकुंभ आठारह राज्यों की छह सौ से अधिक जनजाति छात्र-छात्राएं लेंगे भाग

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:53 AM (IST)
उदयपुर में जनजाति राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का महाकुंभ, आठारह राज्यों की छह सौ जनजाति छात्र-छात्राएं लेंगे भाग
उदयपुर में जनजाति राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का महाकुंभ, आठारह राज्यों की छह सौ जनजाति छात्र-छात्राएं लेंगे भाग

उदयपुर   । जनजाति राष्ट्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का महाकुंभ

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गुरुवार से उदयपुर में आयोजित होगा। यह आयोजन जनजाति कार्य मंत्रालय,

भारत सरकार की ओर से एकलव्य मॉडल रेजिडेन्शीयल स्कूल (ईएमआरएस) की ओर से

28 से 30 नवंबर तक आयोजित होगा। इसमें जनजाति कार्य मंत्रालय के केबिनेट

मंत्री अर्जुन मुंडा एवं राजस्थान सरकार के जनजाति राज्यमंत्री (स्वतंत्र

प्रभार) अर्जुन सिंह बामनिया, जनजाति कार्य मंत्रालय के सचिव, संयुक्त

सचिव तथा अन्य राज्यों के आयुक्त, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी आदि भी

भाग लेगें।

जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अतिरिक्त आयुक्त अंजलि राजौरिया ने

बताया कि इस प्रतियोगिता में 18 राज्यों से लगभग 600 छात्र-छात्राएं भाग

लेंगी। इससे पूर्व पहली राष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन जमशेदपुर,

झारखंड में किया गया था। राजौरिया ने बताया कि कार्यक्रम मोहन लाल

सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में आयोजित किया जावेगा।

इसमें 18 राज्यों की चयनित टीमों में एकल नृत्य, समूह नृत्य, एकल गीत एवं

समूह गीत की प्रतियोगिताएं सम्पन्न होगी।

एकल नृत्य एवं एकल गीत के लिए में प्रथम पुरस्कार के तौर पर 50 हजार

रुपये, द्वितीय पुरस्कार के तौर पर 40 हजार रुपये एवं तृतीय पुरस्कार के

तौर पर 30 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह समूह नृत्य एवं समूह

गीत के लिए प्रत्येक में प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार

1 लाख 75 हजार रुपये एवं तृतीय पुरस्कार 1 लाख 25 हजार रुपये मिलेंगे।

प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु प्रतियोगिताओं के सांस्कृतिक आयोजन,

उद्घाटन, समापन, प्रचार प्रसार भ्रमण एवं भोजन आवास आदि के लिये समितियों

का गठन किया गया है। आयोजन स्थल पर राजस्थानी कला, लोककला एवं संस्कृति

को बढ़ावा देने हेतु स्टॉल्स भी लगाई जावेगी। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट एवं

आवासीय स्थलों आदि पर हेल्पडेस्क स्थापित गई है। प्रतिभागियों को जनजाति

कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यात्रा भत्ते का भुगतान भी किया

जावेगा।


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