Move to Jagran APP

Rajasthan: राजस्थान में बजरी की जगह एम सैंड का होगा उपयोग, सीएम अशोक गहलोत ने जारी की नीति

Rajasthan मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल कार्यक्रम में एम सैंड नीति को जारी किया। इसके तहत एम सैंड बनाने वाली इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। एम सैंड यूनिट्स को निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ मिलेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:13 PM (IST)
Rajasthan: राजस्थान में बजरी की जगह एम सैंड का होगा उपयोग, सीएम अशोक गहलोत ने जारी की नीति
राजस्थान में बजरी की जगह एम सैंड का होगा उपयोग। अशोक गहलोत

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने मैन्यूफैक्चर्ड सैंड (एम सैंड) को बजरी के विकल्प के तौर पर तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश की नई एम सैंड नीति सोमवार को लागू की गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल कार्यक्रम में एम सैंड नीति को जारी किया। इसके तहत एम सैंड बनाने वाली इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। एम सैंड यूनिट्स को निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ मिलेगा। खनन पट्टे आवंटित करने में भी एम सैंड यूनिट्स को प्राथमिकता दी जाएगी, इनके लिए कुछ प्लॉट्स आरक्षित रखे जाएंगे। दरअसल, प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद काफी परेशानी हो रही है।

loksabha election banner

नदियों से बजरी निकालने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। अवैध बजरी के कारोबार के कारण माफिया पनप गए हैं। इस कारण एम सैंड को बजरी का विकल्प बनाया जा रहा है। वर्तमान में एम सैंड के क्रेशन डस्ट का निर्माण के प्लांट्स है। एम सैंड की 20 बड़ी यूनिट्स जयपुर,जोधपुर और भरतपुर में है। इनमें 20 हजार हजार टन एम सैंड का निर्माण प्रतिदिन हो रहा है। नीति में एम सैंड बनाने वाली यूनिट्स लगाने पर निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जाएगा। एम सैंड की पहले से चल रही यूनिट्स को विस्तार करने पर भी कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जाएगा। कस्टमाइज्ड पैकेज के तहत प्रतिदिन 75 फीसद निवेश सब्सिडी, रोजगार सब्सिडी इलेक्ट्रिसिटी ड्यृटी पर सात साल तक छू और स्टांप ड्यूटी पर पूरी छूट मिलेगी।

इसके साथ ही यदि निवेश दो करोड़ या इससे अधिक है तो अतिरिक्त लाभ मिलेंगे, जिनमें 100 फीसद निवेश सब्सिडी मिलेगी, जीएसटी का पैसा सात साल तक रिटर्न मिलेगा। गहलोत ने कहा कि एम सैंड निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। एम सैंड का उपयोग दिल्ली मेट्रो में काफी हुआ है। उन्होंने कहा कि बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद से अवैध कारोबार बढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले इसके लिए एक कमेटी बनाई है। अब उम्मीद है कि यह कमेटी बनने के बाद जल्द फैसला होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.