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Lok Sabha Election 2019: एक अप्रैल से किसानों को मिलेगा 10 हजार करोड़ का फसली ऋण

राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के 30 लाख से अधिक किसानों को राज्य सरकार खरीफ के लिए 1 अप्रैल से 10 हजार करोड़ रुपए फसली ऋण वितरण करने जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 12:14 AM (IST)
Lok Sabha  Election 2019: एक अप्रैल से किसानों को मिलेगा 10 हजार करोड़ का फसली ऋण
Lok Sabha Election 2019: एक अप्रैल से किसानों को मिलेगा 10 हजार करोड़ का फसली ऋण

जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के 30 लाख से अधिक किसानों को राज्य सरकार खरीफ के लिए 1 अप्रैल से 10 हजार करोड़ रुपए फसली ऋण वितरण करने जा रही है। हालांकि कर्ज माफी के इस दौर में अल्पकालीन ब्याज मुक्त फसली ऋण के लिए वित्तीय संसाधन कहां से जुटाए जाएंगे इसे लेकर अभी संदेह है, लेकिन सहकारिता विभाग ने ऋण वितरण के आदेश जारी कर दिए है।

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सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने जारी किए आदेश

किसानों पर सरकार का सर्वाधिक फोकस है। पहले कर्ज माफी कर दी गई और अब किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण दिए जाने के आदेश जारी किए गए है। 1 अप्रेल से प्रदेश के करीब तीस लाख किसानों को अधिकतम एक लाख रुपए प्रत्येक किसान के हिसाब से ब्याजमुक्त फसली ऋण दिया जाएगा। रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने आदेश जारी कर कहा है कि इस बार दस लाख नए किसानों को फसली ऋण दिया जाए। इसके बाद से ही सभी केंद्रीय सहकारी बैंकों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए है।

उधर सहकारिता और किसान आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि अल्पकालीन फसली ऋण के लिए 10 हजार करोड़ रुपए कहां से आएंगे इसे लेकर संशय बना हुआ है। नाबार्ड ने अभी सहकारी साख नीति जारी नहीं की है। इसका मतलब है ऋण राशि का नाबार्ड से मिलने वाला करीब 40 फीसदी पुनर्वित्त यानी करीब 4 हजार करोड़ रुपए नहीं मिलेंगे।

कर्ज माफी के चलते वर्ष 2018-19 में दिए गए 8 हजार करोड़ रुपए की रिकवरी नहीं हुई। यह राशि कर्ज माफी योजना में माफ कर दी गई है। कर्ज माफी की जो राशि सरकार को केंद्रीय सहकारी बैंकों को देनी थी वह भी अभी नहीं दी गई है।

पिछले दो वर्ष में सहकारी बैंकों का डिपोजिट भी घटा है। ऐसे में अगले वित्त वर्ष के लिए फसली ऋध राशि का जुगाड़ सहकारिता विभाग कहां से करेगा यह किसी यक्ष प्रश्न से कम नहीं। उधर सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने पत्र में लिखा है कि सभी बैंकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए बाकायदा सात बिंदुओं का एक परिपत्र भी जारी किया गया है।  


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