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Locust Attack: राजस्थान के 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दल का प्रकोप, सीएम ने पीएम से मांगी मदद

Locust Attack In Rajasthan. राजस्थान के 14 जिलों में टिड्डी दलों का आतंक फैल चुका है। कई जिलों में तो पहली बार टिड्डियों को देखकर किसान हैरान हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 08:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 08:07 PM (IST)
Locust Attack: राजस्थान के 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दल का प्रकोप, सीएम ने पीएम से मांगी मदद
Locust Attack: राजस्थान के 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दल का प्रकोप, सीएम ने पीएम से मांगी मदद

जागरण संवाददाता, जयपुर। Locust Attack In Rajasthan. पाकिस्तान की तरफ से आ रही टिड्डियों का प्रकोप राजस्थान में लगातार बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के 14 जिलों में टिड्डी दलों का आतंक फैल चुका है। कई जिलों में तो पहली बार टिड्डियों को देखकर किसान हैरान हैं। टिड्डियों के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने लगी है। फसल को बचाने के लिए किसान परंपरागत ढंग से थाली, पीपे और अन्य बर्तन बजाकर टिड्डी दलों को भगाने के प्रयास में जुटे हैं।

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद मांगी है। गहलोत ने कहा कि टिड्डी चेतावनी संगठन छिड़काव के यंत्रों की संख्या बढ़ाने के साथ जिलों में कलेक्टरों को छिड़काव के वाहन उपलब्ध कराए। गहलोत ने हेलीकॉप्टर व ड्रोन से छिड़काव कराने का आग्रह किया है। गहलोत ने गुरुवार को टिड्डियों की समस्या को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर कीटनाशक छिड़काव कराने व अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सरकार ने जिला कलेक्टरों को आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ेंगे सरपंच से लेकर सांसद

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन ने इस बार व्यापक पैमाने पर टिड्डियों के प्रकोप की आशंका जताई है । लिहाजा राज्य सरकार भी उसी स्तर पर तैयारियां करने में जुटी है। राज्य के कृषिमंत्री लालचंद कटारिया का कहना है कि इस बार टिड्डियों से मुकाबला करने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी । अभी तक करीब 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों का प्रकोप हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस बार टिड्डियों का प्रकोप पिछले साल के मुकाबले दो से तीन गुना ज्यादा रहने की चेतावनी जारी की गई है। लिहाजा ज्यादा सतर्क रहने और नियंत्रण के प्रभावी उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर सांसद तक सभी को आपस में जोड़ा जा रहा है, जिससे समय पर टिड्डी की सूचना मिल सके। सूचना मिलते ही सरकारी मशीनरी सक्रिय हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले साल 12 जिलों में टिड्डी दलों का प्रकोप हुआ था, लेकिन इस बार पहले से अधिक जिलों में टिडिड्यों का आतंक नजर आ रहा है।

बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू, सीकर, चित्तौड़गढ़, पाली, जालौर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा व जयपुर जिले के कुछ हिस्सों में टिड्डी दल पहुंच चुके हैं। कृषि विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार के मुताबिक टिड्डी नियंत्रण के लिए जहां गाड़ियां पहुंचने में मुश्किल होती है वहां इस बार ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। 


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