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Locust Attack: अब मारवाड़ में घुसा टिड्डी दल, किसान कर रहे फसल बचाने का जतन

Locust Attack. राजस्थान के मारवाड़ में टिड्डी दल खेतों में खड़ी रबी की फसलों के साथ वनस्पतियों को चट कर रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:21 PM (IST)
Locust Attack: अब मारवाड़ में घुसा टिड्डी दल, किसान कर रहे फसल बचाने का जतन
Locust Attack: अब मारवाड़ में घुसा टिड्डी दल, किसान कर रहे फसल बचाने का जतन

जोधपुर, संवाद सूत्र। Locust Attack. राजस्थान में जोधपुर संभाग के जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर , पाली सहित प्रदेश के कई जिले के टिड्डी प्रभावित हैं। पाकिस्तान से सटी सीमाओं के जिलों में इन दिनों टिड्डियों ने जमकर कहर बरपा हैं। इधर, जोधपुर के ग्रामीण इलाकों भारी संख्या में टिड्डियों के आने से अब किसानों की चिंता बढ़ गई है। टिड्डियों ने मारवाड़ कहे जाने वाले पाली और जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर लिया है।जिले के अलग-अलग हिस्सों में टिड्डी दल मंडराते नजर आ रहै हैं, जिनसे मुकाबला करने के लिए संबंधित क्षेत्रों के किसान, प्रशाशन भी पूरी तरह से जुटे हुए हैं।

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सरकार से लेकर किसानों की कई कोशिश करने के बाद भी टिड्डियां काल बनकर फसलों पर मंडरा रही रही हैं। सभी जिलों में टिड्डी दलों से किसानों को निजात नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण रात और सुबह तक वे ढोल थाली और डीजे बजाकर टिड्डियों को भगाने का जतन कर रहे हैं। सीमा पार से आई फसलों की दुश्मन टिड्डियों ने हमला बोल दिया है। भारी टिड्डी दल खेतों में खड़ी रबी की फसलों के साथ वनस्पतियों को चट कर रहा है।

जोधपुर जिले के सीमावर्ती बाप उपखंड के कई गांवों में एक बार फिर बड़ा टिड्डी दल पहुंचा है।

बाड़मेर के रास्ते धुंधाड़ा की तरफ से भी टिड्डी दल जिले में प्रवेश किया है। बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे समेत सैकड़ों गांवों में कहर बरपाया है। जालोर से सिवाना के रास्ते टिड्डी ने फिर से बाड़मेर में प्रवेश किया। अब बायतु तक पहुंच गई है। टिड्डी से करोड़ों की रबी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। निकटवर्ती जिले पाली के भी गांवों डरी भांवरी गोदावास, सुमेरपुर क्षेत्र में ग्रामीण और प्रशासनिक अधिकारी और किसान टिड्डियों को उड़ाने के लिए परिवार सहित थाली व कनस्तर बजाकर खेतों में दौड़ रहे हैं। जैसलमेर जिले के मूलसागर से भू, भोपा, पीथोड़ाई और नहरी इलाकों के साथ डाबला, आशायच और उससे लगते क्षेत्रों में असंख्य टिड्डियां खेतों में फसलों को चट कर दिया।

जिले के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे सिंचित भूमि हो या नहरी क्षेत्र, सभी तरफ टिड्डी दल किसानों के जी का जंजाल बने हुए हैं। वहीं, प्रशासन खड़ी फसलों पर छिडक़ाव करने से बच रहा है और टिड्डी दल खाली जमीन पर बैठ नहीं रही है। इस कारण टिड्डियों के दल किसानों की फसल पर हावी हो रही हैं। खेतों में जीरा, इसबगोल, सरसों व गेहूं की खड़ी फसल के ऊपर से टिड्डी ने पत्तियों को चट्ट कर दिया है। प्रशासन व ग्रामीणों की मदद से टिड्डियों को नष्ट करने के लिए फायर बिग्रेड सहित वाहनों से दवाई का छिडक़ाव जारी है, लेकिन फिर भी टिड्डी दल कई गांवों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा चुके है। टिड्डी दल से प्रभावित किसान फसलों को बचाने के लिए काफी जतन कर रहे है, लेकिन सफल नहीं हो रहे हैं। कृषि अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी खेतों की तरफ रुख किया है, लेकिन समस्या विकराल बनी हुई है।

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