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Library On Camel Cart: राजस्थान में ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी, जानें-इसकी खासियत

Rajasthan राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन और एक गैर सरकारी संगठन की मदद से ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। ऊंटगाड़ी रेगिस्तान के सुदूर इलाकों में पहुंच कर बालकों को उनके शिक्षा का पूरा अधिकार दिला सके।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 05:13 PM (IST)
Library On Camel Cart: राजस्थान में ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी, जानें-इसकी खासियत
राजस्थान में ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी, जानें-इसकी खासियत। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। कोरोना के चलते पूर्ण लाकडाउन के दौर में जहां बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई थी, वही आनलाइन शिक्षा व्यवस्था भी नेटवर्क ना होने पर अधूरी रह गई ऐसे में राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन और एक गैर सरकारी संगठन की मदद से ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। ऊंटगाड़ी रेगिस्तान के सुदूर इलाकों में पहुंच कर बालकों को उनके शिक्षा का पूरा अधिकार दिला सके। ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी की शुरुआत जोधपुर के ओसिया क्षेत्र से हुई है, जो कि ग्रामीण ढाणियों में गांव में जाकर बच्चों को पुस्तकें और अन्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएगी। इस ऊंटगाड़ी के साथ एक स्टोरी टेलर भी होगा, जो कि बच्चों को पुस्तकें देने के साथ-साथ कहानियां पढ़कर भी सुनाएगा।

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जोधपुर स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक प्रेम चंद सांखला के अनुसार 'इंडिया गेट्स रीडिंग एट होम' विषय के साथ यह पठन अभियान जिला प्रशासन और एनजीओ 'रूम टू रीड' की ओर से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए एक पहल है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित किया है। उनमें से कुछ पूरी तरह से पढ़ाई से अलग हो गए हैं। इन बच्चों को फिर से जोड़ने के लिए हमने आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मोबाइल लाइब्रेरी का आयोजन किया है। ऐसे गांव हैं, जहां परिवहन का कोई साधन नहीं है और उनके पास उचित सड़कें भी नहीं हैं। ऐसी जगहों के बच्चों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए ऊंट गाड़ियों पर मोबाइल पुस्तकालय शुरू किए गए हैं। इस पुस्तकालय में बच्चों को आकर्षित करने के लिए कई चित्रात्मक पुस्तकें हैं, जो उनके सीखने की कला को और अधिक रोचक बनाएंगी। बच्चों के लिए भी यह एक बेहद रोचक विषय है। रंग बिरंगी पुस्तकों और सजे धजे कैमल कार्ट को अपने बीच पाकर गांव ढाणियों के बच्चों ने भी खुशी जाहिर की है।वर्तमान में 1500 पुस्तकों के साथ कैमल कार्ड लाइब्रेरी आठ सितंबर तक ओसिया ब्लॉक के रेतीले धोरों पर स्थित विभिन्न गांव ढाणियों का दौरा करेंगी।

ऐसे करेगी काम ऊंटगाड़ी पर लाइब्रेरी

जोधपुर जिला प्रशासन और एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ने संयुक्त रूप से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को ऊंटगाड़ी पुस्तकालयों के माध्यम से शिक्षित करने के लिए एक अनूठी पहल की है। लाइब्रेरी जोधपुर जिले के 30 गांवों के स्कूल में जाएगी। रूम टू रीड कैंपेन के तहत 'नहीं रुकेंगे नन्हें कदम, घर पर भी सीखेंगे हम', 'मैं जहां, सीखना वहां, 'इंडिया गेट्स रीडिंग एट होम', की थीम रखी गई है। लाइब्रेरी जहां जाती है, वहां यदि टीचर नहीं है तो पैरेंट्स को बच्चों को किताब पढ़कर विषय के बारे में समझाना होता है। यदि आसपास कोई टीचर होता है तो पैरेंट्स की जगह वह बच्चों को कहानियां पढ़कर सुनाता है और मतलब समझाता है। यह लाइब्रेरी जहां जाती है, वहां के स्कूल में किताबें रखकर आ जाती है। यदि किसी बच्चे को किताब पढ़ना हो तो स्कूल से इशू करा सकता है।


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