Coronavirus: लॉ की छात्रा ने डॉक्टर के खिलाफ दर्ज कराई एफआइआर
Coronavirus. पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर का कहना है कि पहले मामले की जांच की जाएगी उसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus. राजस्थान में कोरोना वायरस के फैलने के बीच लॉ की एक छात्रा ने भीलवाड़ा के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ शहर के सुभाष नगर थाने में प्राथमिकी (एफआइआर) कराई है। छात्रा ने अपनी एफआइआर मेल के जरिए भेजी है। पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर का कहना है कि पहले मामले की जांच की जाएगी, उसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
वनस्थली विद्यापीठ की लॉ की इस छात्रा का आरोप है कि डॉक्टर ने राजस्थान एपिडेमिक एक्ट 1957 और आइपीसी की धारा 269, 270, 188 तथा सीआपीसी की धारा 144 के उल्लंघन किया है। छात्रा ने लिखा है कि डॉक्टर और उनके स्टाफ ने कानून का उल्लंघन करते हुए मरीजों को देखा है। उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा के इस निजी चिकित्सालय में कार्यरत तीन डॉक्टर और आठ नर्सिंगकर्मी कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं।एफआइआर में आरोपित बनाए गए डॉ. और उनकी पत्नी भीलवाड़ा के जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। इस दंपती के यहां सऊदी अरब से आए रिश्तेदार पिछले दिनों रुके थे, उसके बाद डॉक्टर दंपती के कोरोना वायरस संक्रमण से पॉजिटिव होने की बात सामने आई, लेकिन उन्होंने फिर भी मरीजों को देखा था।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार किसी भी चिकित्सक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने से पूर्व जांच की जाती है। अत: इस मामले को भी परिवाद में रखकर जांच की जा रही है, उसके बाद ही एफआइआर दर्ज करने पर निर्णय लिया जाएगा।
वहीं, चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज एक्ट,1957 की धारा (2)के तहत 22 से 31 मार्च तक पूरे प्रदेश में लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन और प्राइवेट वाहन नहीं चलेंगे।
आपात स्थिति में परिवहन साधनों को निश्चित समय सीमा के लिए परमिट देने का अधिकार जिला कलेक्टरों को दिया गया है। सीएम गहलोत रविवार को जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए । उन्होंने जिला कलेक्टरों के साथ कोरोना की समीक्षा की और निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली।