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आरोग्य मेला 2019 का शुभारंभर: जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी उन्हीं की हुई स्वाईन फ्लू से मौत

डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गत दिनों स्वाईन फ्लू से हुई मौतों में अधिकांश व्यक्ति वृद्ध या अन्य किसी बीमारी से पहले से ही ग्रसित थे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गयी थी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 11:33 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 11:33 AM (IST)
आरोग्य मेला 2019 का शुभारंभर: जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी उन्हीं की हुई स्वाईन फ्लू से मौत
आरोग्य मेला 2019 का शुभारंभर: जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी उन्हीं की हुई स्वाईन फ्लू से मौत

अजमेर, (जेएनएन)। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा जन सम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गत दिनों स्वाईन फ्लू से हुई मौतों में अधिकांश व्यक्ति वृद्ध या अन्य किसी बीमारी से पहले से ही ग्रसित थे जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गयी थी। ऐसे समय में चिकित्सा विभाग ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को समय पर जांच कराने पर निरोगी रहने में मदद मिलती है। इसके लिए व्यक्तिगत जाागरुकता जरूरी है।

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चिकित्सा तथा जन सम्पर्क मंत्री बुधवार को अजमेर में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय आरोग्य मेला 2019 के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता चिकित्सा एवं जन सम्पर्क राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने की। शर्मा ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं में आयुर्वेद एक पुरानी पद्धति है। इसमें लोगों का विश्वास सुदृढ़ करने तथा उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना जरूरी है। उसी से हम एक स्वस्थ राजस्थान का निर्माण कर पायेंगे। यह मेला उसी दिशा में एक कदम है। डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए आयुर्वेद से भी काढ़ा पिलाया जाकर अच्छा प्रबंधन किया गया।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि पर्यटन को आयुष पद्धति के साथ जोड़कर मेडि टयूरिज्म सेंटर विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए प्राकृतिक स्थलों पर आयुष को जमीन आंवटन के प्रयास भी किए जा रहे है ताकि लोगों को योगा, नैचूरोपैथी से मानसिक सुकून मिले। वहां अच्छी हवा व प्राकृतिक वातारण हो ताकि चिकित्सा का बेहतर लाभ भी मिल सके।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा एवं जन सम्पर्क राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ऐसे शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाने की जरूरत है ताकि ग्रामीणजनों को अधिकाधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि आयुष को और अधिक विकसित और लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयास किए जाए। इस पद्धति को डिस्पेंसरियों के माध्यम से भी ग्राम स्तर तक पहुंचाया जा सकता है।

डॉ. गर्ग ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ग्राम स्तर तक उपलब्ध कराने के लिए देश भर में 12 हजार से अधिक हैल्थ एवं वैेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। प्रदेश में ऐसे 1500 सेंटर खुलेंगे इसके लिए अधिक से अधिक प्रस्ताव भिजवाए जाएं। उन्होंने अण्डर वन अम्ब्रेला की तर्ज पर एक ही स्थान पर लोगों को सभी तरह की सुविधाएं मिले इसके लिए भी प्रसास किए जा रहे है।

आयुष विभाग का सोफ्टवेयर लॉच किया—

समारोह में आयुष विभाग की एक सोफ्टवेयर भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने लॉच किया। जिसमें विभाग से संबंधित समस्त सुविधाए एवं अन्य जानकारिया उपलब्ध है।

इस मौके पर आयुर्वेद निदेशक श्रीमती स्नेहलता पंवार ने बताया कि आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा एवं होम्योपैथी चिकित्सा) में सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण के अन्तर्गत विगत वर्षो से आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के बडे शहरों में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय आरोग्य मेलों का आयोजन किया जाता रहा है।

राष्ट्रीय स्तर का आरोग्य मेला जयपुर में तथा राज्य स्तरीय आरोग्य मेला उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर व भरतपुर में आयोजित हो चुके है। आरोग्य मेले के आयोजन का उद्देश्य ‘स्वास्थ्य सबके लिए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सस्ती, सरल एवं सुलभ आयुष पद्धति की प्रभावशीलता के बारे में नागरिकों मे जागरुकता उत्पन्न करना, आयुष पद्धति से जुड़े हुए लोगों के ज्ञान एवं अनुभव का आदान-प्रदान करने के लिये उचित मंच उपलब्ध करवाना तथा आयुष पद्धतियों की रोगों से बचाव एवं उपचार में विशेषता से जनसामान्य को लाभान्वित करना है। 


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