Koffee with Collector: कोटा में कोचिंग छात्रों को तनाव मुक्त करने के लिए काॅफी विद कलक्टर
Koffee with Collector. राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों को तनाव मुक्त करने के लिए काॅफी विद कलक्टर कार्यक्रम शुरू होगा।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों को तनावमुक्त करने के लिए कोटा के कलक्टर काॅफी विद कलक्टर कार्यक्रम शुरू करेंगे। इस कार्यक्रम में कोचिंग छात्रों को नियमित तौर पर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ अनौपचारिक माहौल में काॅफी पीने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
कोटा में कोचिंग छात्रों के तनावग्रस्त होकर आत्महत्याएं करने की घटनाएं काफी होती हैं। इन घटनाओं को कम करने के लिए प्रशासन कई तरह के प्रयास करता हैं। इसी कड़ी में कोटा के मौजूदा कलक्टर ओपी कसेरा ने भी कुछ प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत काॅफी विद कलक्टर, जीपीएस युक्त मोबाइल एप और कुछ अन्य नए प्रयास शामिल हैं। हाल में एक बैठक कर उन्होंने इन नए प्रयासों की रूपरेखा तैयार की। इसके तहत हर माह एक या दो बार कोचिंग छात्रों को कलक्टर के निवास पर काॅफी के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसमें उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो किसी तरह के मानसिक तनाव या अवसाद से गुजर रहे हैं। यहां कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक इन छात्रों के साथ अनौपचारिक वातावरण में बातचीत कर उनकी काउंसलिंग करने करेंगे।
इसके साथ ही दिवाली के बाद एक बड़ा मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही मोबाइल एप भी तैयार किया जाएगा। जीपीएस युक्त इस मोबाइल एप में छात्र व उनके परिजनों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे छात्रों के बारे में उनके परिजनों के बारे मे नियमित फीडबैक मिलता रहेगा और प्रशासन को भी कोई घटना होने पर छात्रों के बारे में जानकारी हासिल करने में आसानी रहेगी। इस एप पर प्रशासन की ओर से मोटिवेशनल वीडियो और छात्रों को तनावमुक्त करने की अन्य सामग्री भी पोस्ट की जाएगी। समय-समय पर कलक्टर की ओर से भी पत्र आदि पोस्ट किए जाएंगे।
इसके साथ ही कोटा के सभी प्रमुख कोचिंग क्षेत्रों में मनोरंजन और काउंसलिंग केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए कलक्टर ने नगर विकास न्यास को जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इन केंद्रों का निर्माण कंपनियों के काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड से किया जाएगा। इसके अलावा कोटा में कोचिंग कर रहे करीब दो लाख छात्रों से सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से एकत्र कर एक स्थाई कोष भी बनाया जाएगा। इस कोष का पैसा कोचिंग छात्रो की जरूरतों और उनके कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा।