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दो वर्षीय मासूम बेटे के हत्यारे पिता को उम्रकैद, मरते दम तक सजा भुगतेगा दोषी

दो वर्षीय मासूम बेटे का गला घोंटकर उसकी हत्या के मामले में बुधवार को सुनाए फैसले में दोषी पिता को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 01:53 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 01:53 PM (IST)
दो वर्षीय मासूम बेटे के हत्यारे पिता को उम्रकैद, मरते दम तक सजा भुगतेगा दोषी
दो वर्षीय मासूम बेटे के हत्यारे पिता को उम्रकैद, मरते दम तक सजा भुगतेगा दोषी

उदयपुर, जेएनएन। दो वर्षीय मासूम बेटे का गला घोंटकर उसकी हत्या के मामले में बुधवार को सुनाए फैसले में दोषी पिता को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश रामावत ने दोषी पर उसके जीवित रहने तक कैद के साथ तीस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।

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अभियोजन सूत्रों के अनुसार मृतक की मां तुलसी ने 28 नवम्बर 2015 में अपने बेटे की हत्या को लेकर अपने पति भौरिया फला अदात निवासी हरीश पुत्र शंकरलाल मीणा के खिलाफ हत्या एवं सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज कराया था।

उसने पुलिस को बताया कि घटना से करीब तीन साल पहले उसने हरीश से प्रेम विवाह किया था। हरीश के साथ वह अहमदाबाद और जोधपुर मजदूरी के लिए गई। गर्भवती होने पर उसका पति ससुराल लेकर पहुंचा लेकिन सगौत्र के होने के चलते ससुरालजनों ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। इस पर हरीश ने उसे घर से निकाल दिया। उसके बाद वह अपने ननिहाल ऋषभदेव में रहने लगी, जहां उसने हरीश के बच्चे को जन्म दिया।

बालक जब दो साल का हो गया तो हरीश ने बेटे को अपने साथ रखने की इच्छा जताई। जिस पर उसने हरीश की बहन आशा के साथ अपने बेटे को पिता के पास भेज दिया। 23 नवम्बर 2015 को तुलसी ने बेटे से मिलने की इच्छा जताई तो हरीश ने उसे बस स्टैण्ड पर बुलाया लेकिन वह वहां नहीं आया।

इसी बीच तुलसी के बस स्टैण्ड की दीवार पर अज्ञात बालक के शव पाए जाने का फोटो वाला पोस्टर चस्पा देखा तो वह अपने बेटे को पहचान गई। जिसमें बताया गया कि दो वर्षीय बालक का शव नहर में मिला है और उसका शव अस्पताल में रखा है। जिस पर वह सेमारी थाना पुलिस के साथ अस्पताल पहुंची तो अपने मृत बेटे को पहचान गई। इसके बाद उसने हरीश के खिलाफ हत्याका मामला दर्ज कराया।

पुलिस जांच में साबित हुआ कि हरीश ने अपने दो वर्षीय बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी थी और साक्ष्य मिटाने के लिए लाश को नहर में फैंक दी। पुलिस ने जांच में हरीश की मदद करने वाले गजेंद्र को सह अभियुक्त बनाया और दोनों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सह अभियुक्त गजेंद्र को अदालत ने बरी कर दिया।


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