Khatu Shyam मंदिर में न मचती भगदड़, न होती मौतें, अगर इंटेलिजेंस के इनपुट पर ध्यान देता प्रशासन, चार अधिकारी हुए निलंबित
Khatu Shyam temple stampede हादसे की जांच में सामने आया कि जिला प्रशासन को इंटेलिजेंस से एकादशी पर डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की सूचना मिली थी । इंटेलिजेंस एजेंसी ने भगदड़ की संभावना भी जताई थी। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस ने आवश्यक प्रबंध नहीं किए ।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सीकर जिले के खाटू श्यामजी मंदिर की पूजा सहित सभी तरह की जिम्मेदारी देवस्थान विभाग को सौंपी जा सकती है। अब तक एक निजी कमेटी मंदिर प्रबंधन का कार्य देखती रही है। लेकिन पिछले सप्ताह हुई भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत और पांच श्रद्धालुओं के घायल होने के बाद सरकार मंदिर का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रही है। हादसे की जांच में सामने आया कि जिला प्रशासन को इंटेलिजेंस से एकादशी पर डेढ़ से दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की सूचना मिली थी। इंटेलिजेंस एजेंसी ने भगदड़ की संभावना भी जताई थी। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस ने आवश्यक प्रबंध नहीं किए ।
मंदिर कमेटी को मुख्य रूप से हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर हादसे के लिए जिम्मेदार मानते हुए पुलिस उप अधीक्षक सुरेंद्र सिंह,उपखंड अधिकारी राजेश मीणा और तहसीलदार विपुल चौधरी को निलंबित किया गया है। इससे पहले पुलिस थाना अधिकारी रिया चौधरी को निलंबित किया गया था। खाटू श्यामजी मंदिर में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में सुरक्षा के आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।
गहलोत ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक प्रबंध करने,धार्मिक स्थलों में मेलों के मौके पर पुलिसकर्मियों एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों को पर्याप्त संख्या में तैनात करने,धार्मिक स्थलों के रास्तों व परिक्रमा मार्गों को चौड़ा करने के भी निर्देश दिए।उन्होंने अग्निशमन उपकरणों का प्रबंध किए जाने के लिए भी कहा है।
सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षित नहीं थे
संभागीय आयुक्त सीताराम भाले हादसे की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पुलिस और प्रशासन के साथ ही मंदिर कमेटी ने बढ़ती भीड़ को गंभीरता से नहीं लिया। मौके पर डेढ़ लाख से ज्यादा भीड़ होने के बावजूद उपखंड अधिकारी और थाना अधिकारी मौके पर नहीं थे। दोनों हादसे के करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंचे थे। निचले स्तर के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को मंदिर कमेटी ने अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी। पुलिसकर्मियों को काफी दूर ही रोक दिया गया था। मंदिर कमेटी के सुरक्षा गार्डों से ही व्यवस्था संभालने की बात कही गई थी। सभी सुरक्षा गार्ड पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं लगाए गए थे। उन्हे बीस दिन पूर्व ही लगाया गया था। मंदिर के आसपास कमेटी के सदस्यों ने अपने स्तर पर श्रद्धालुओं को दर्शन थे।
तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज
खाटू श्याम जी निवासी रामदेव सिंह ने मंदिर कमेटी के अध्यक्ष शंभूसिंह,सचिव प्रताप सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष कालूसिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए के तहत मामला दर्ज करवाया है। आरोप है कि तीनों की लापरवाही के कारण मेले में भगदड़ मची और तीन महिलाओं की मौत हुई।