Rajasthan: बाल विवाह और मृत्युभोज बंद करने के लिए दोस्त का साथ देने पर खाप पंचायत ने लगाया जुर्माना
Rajasthan एक युवक पर खाप पंचायत ने बाल विवाह और मृत्युभोज बंद करने के लिए दोस्त का साथ देने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। जुर्माना राशि देने से इन्कार करने पर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक युवक पर खाप पंचायत ने बाल विवाह और मृत्युभोज बंद करने के लिए दोस्त का साथ देने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। जुर्माना राशि देने से इन्कार करने पर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया। खाप पंचायत ने समाज के लोगों को भी चेतावनी दी है कि जो कोई भी लोग उसका साथ देंगे तो उन्हें भी जुर्माना देना होगा। खाप पंचायत के फैसले का ताजा मामला चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा के सतखंडा गांव का है। जहां शिवलाल पुत्र दल्ला डांगी बाल विवाह और मृत्यु भोज के खिलाफ आवाज उठा रहा था। पिछले साल पंचायत के दौरान उसने इन प्रथाओं को बंद करने की बात कही थी। इस पर पंचायत के पंच उससे नाराज थे। मायरा समेत आसपास गांवों के 21 पंच व पटेलों ने पंचायत बुलाई और शिवलाल को समाज से बाहर करते हुए उस पर एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में सतखंडा गांव के लखमीचंद ने अपने मित्र शिवलाल का साथ दिया।
शिवलाल के मामला दर्ज कराए जाने पर खाप पंचायत के 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में लखमीचंद ने शिवलाल के पक्ष में फैसला सुनाया। जमानत पर रिहा आरोपितों में गमेरा, भगवाना, वरदू, ऊंकार और हीरालाल उस पर गवाही वापस लेने का दबाव बनाने लगे। ऐसा नहीं करने पर सतखंडा में खाप पंचायत बुलवाई गई, जिसमें लखमीचंद और उसके परिजनों को समाज से निकालते दिया। लखमीचंद के भाइयों को खाप पंचायत ने छह-छह सौ रुपये जमा करने पर माफी दे दी और समाज में जोड़ लिया, लेकिन लखमीचंद पर डेढ लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। खाप पंचायत ने यह फरमान भी सुना दिया कि यदि कोई उससे रिश्ता रखेगा तो उससे भी जुर्माना वसूला जाएगा।पीड़ित ने इस मामले में अदालत में इस्तगासा पेश कर खाप पंचायत के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए निम्बाहेड़ा की सदर थाना पुलिस को एफआइआर दर्ज कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि मेवाड़ में खाप पंचायतों के गैर कानूनी निर्णय सामने आने लगे हैं। पिछले महीने भीलवाड़ा जिले में एक खाप पंचायत ने अपनी बेटियों के नाम कृषि भूमि करने की बात पर अस्सी वर्षीय वृद्धा पर चालीस लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए समाज से बहिष्कृत कर दिया था।