जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में चूरू जिले के गिरवरसर गांव के अनुसूचित जाति का एक परिवार पानी को तरस गया है। दरअसल, खाप पंचायत के फरमान पर उसका बहिष्कार कर दिया गया है। ऐसे में परिवार ने जिला कलेक्टर के नाम उपखंड कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। इसमें उसने कहा है कि गांव में लोग आटा चक्की पर उसका आटा नहीं पीसते। परिवार के सदस्यों को किसी भी घर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। सामाजिक बहिष्कार के कारण उन्हें पानी भी निकटवर्ती गांवों से मंगवाना पड़ता है ।
ज्ञापन में पीड़ित टोडरमल वाल्मीकि व उसके पुत्र राधेश्याम वाल्मीकि ने कहा है कि वर्ष 2017 में नौ अप्रैल को खाप पंचायत बुलाकर माइक से गांव में ऐलान करा दिया गया था कि हमारे परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। इसलिए इनसे कोई व्यवहार न रखे। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि अब हमारे घर के सदस्यों से गांव में कोई बोलचाल नहीं करता है । इसके साथ ही अगर गांव का कोई व्यक्ति हमारे परिवार से व्यवहार करता है तो उसके लिए 11 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। ज्ञापन में पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने व सामाजिक प्रतिष्ठा से परिपूर्ण जीवन वापस दिलाए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की भी मांग की गई है।
बहिष्कार का कारण भी नहीं बता रहे
पीड़ितों का कहना है कि वह खाप पंचायत के प्रमुख लोगों से बहिष्कृत करने का कारण कई बार जानने का प्रयास कर चुके, लेकिन वह लोग बात करने को तैयार नहीं है ।
किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे । जिला कलेक्टर से मामले की रिपोर्ट मंगवाएंगे।
- भंवरलाल मेघवाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्री।
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