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Agriculture Laws: कैलाश चौधरी बोले, कृषि कानून से अगर किसी किसान की एक इंच भी जमीन गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा

Agriculture Laws कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता कह रहे हैं कि नए कृषि कानून से किसानों की जमीन चली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसान की एक इंच भी जमीन गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा और अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 07:35 PM (IST)
Agriculture Laws: कैलाश चौधरी बोले, कृषि कानून से अगर किसी किसान की एक इंच भी जमीन गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा
कैलाश चौधरी बोले, कृषि कानून से किसान की जमीन गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कृषि मंत्री राज्य कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता कह रहे हैं कि नए कृषि कानून से किसानों की जमीन चली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसान की एक इंच भी जमीन गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा और अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। आंदोलनकारी किसानों से आधी रात को भी बात करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर कानून में किसी भी नेता को किसी भी क्लॉज पर आपत्ति है तो उस पर विस्तार से चर्चा होगी। वह समाधान लायक होगा तो उसका निस्तारण होगा। बृहस्पतिवार को भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने भरतपुर पहुंचे चौधरी ने कहा कि कुछ नेता और पार्टिंया जनता को भ्रमित कर रही हैं। कृषि कानून किसानों के हित में है।

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उनके मुताबिक, देश के किसानों को आजादी के बाद इतना लाभ नहीं मिला जितना मोदी सरकार में मिल रहा है। कृषि कानून के हिसाब से किसान अपनी फसल मनमाने दाम पर बेच सकता है। पहले किसानों को यह आजादी नहीं थी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति कर रहे हैं। जो काम केंद्र सरकार कर रही है उसका श्रेय गहलोत ले रहे हैं। कांग्रेस ने किसान कर्ज माफी का वादा किया था, वह भी पूरा नहीं हुआ। चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज करवा रही है। कांग्रेस सरकार में चल रहे सियासी संग्राम की चर्चा करते हुए चौधरी ने कहा कि गहलोत अपनी सरकार बचाने में जुटे हैं। कांग्रेस की आपसी फूट के कारण जनता परेशान है। लोगों के काम नहीं हो रहे। सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। गौरतलब है कि नए कृषि कानून के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान पिछले सात माह से प्रदर्शन कर रहे हैं। राकेश टिकैत के मुताबिक, किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन आगे भी इसी तरह जारी रहेगा। 


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