Rajasthan: वायरस जनित बीमारियों की जांच व रिसर्च के लिए जयपुर में बनेगा इंस्टीटयूट
Rajasthan राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के अनुभवों को देखते हुए वायरस जनित बीमारियों की जांच उपचार और रिसर्च के लिए यह इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहा है। यह पुणे के बाद देश का टॉप संस्थान होगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। जयपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राॅपिकल मेडिसिन ऑफ एंड वायरोलॉजी की स्थापना की जाएगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के अनुभवों को देखते हुए वायरस जनित बीमारियों की जांच, उपचार और रिसर्च के लिए यह इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहा है। यह पुणे के बाद देश का टॉप संस्थान होगा। गहलोत ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार द्वारा काटे गए 600 करोड़ के विधायक कोष को वापस लौटाया जाएगा, लेकिन विधायकों को कोष का खर्च इस साल स्वास्थ्य सेवाओं पर करना होगा। अगले साल से वे अपने क्षेत्र के हिसाब से विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल खोलने को लेकर अगले एक-दो दिन में विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना अब तो पानी में पहुंच गया, लेकिन नया वैरिएंट आ गया है इस पर ध्यान रखना होगा। गहलोत ने कहा कि सोमवार से 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा की गई है। इस दौरान बताया गया कि अब तक दो करोड़ आठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें से एक करोड़ 74 लाख को पहली और 34 लाख से ज्यादा को दूसरी डोज लगाई गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी,राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और निर्दलीय विधायकों ने भी अपनी बात कही।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि मुुंबई में फेक वैक्सीनेशन ड्राइव चलाने की खबरें चिंताजनक हैं। पहले कई जगहों से नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन लगाने की खबरें आई थीं। ऐसे गिरोह लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। केंद्र सरकार अविलंब अध्यादेश लाकर ऐसे अपराधियों को आजीवन कारावास का प्रावधान करे। गहलोत ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि कोई निजी अस्पताल भी वैक्सीन खरीदे तो सरकार के जरिए ही खरीददारी करे, जिससे विश्वसनीयता बनी रहेगी। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा की भी राय है कि वैक्सीन अधिकृत जगह से ही लगवाई जाए। सभी सतर्क रहें और जल्दी के चक्कर में अनाधिकृत जगह से वैक्सीन नहीं लगवाएं। उल्लेखनीय है कि मुंबई में एक सोसायटी में फेक वैक्सीनेशन ड्राइव कर दिया गया, जिससे हडकंप मचा हुआ है।