Indo-French Exercise Desert Knight 2021: डेजर्ट नाईट 21 के दूसरे दिन बिपिन रावत भरेंगे राफेल में उड़ान
जोधपुर एयर बेस स्टेशन पर इस युद्धाभ्यास के विभिन्न पहलुओं के बारे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को अवगत भी कराया जाएगा। ये युद्याभ्यास दोनो वायु सेनाओं के बीच जुड़ाव की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा । अजित के दुबे द्वारा
जोधपुर (राजस्थान), जागरण संवाददाता। भारतीय वायु सेना और फ्रांस एयर फोर्स के बीच जोधपुर में संयुक्त युद्याभ्यास डेजर्ट नाइट 21 की बुधवार को शुरुआत हुई। वार गेम एक्सरसाइज के दूसरे दिन गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी फ्रेंच टेक्निक के विमान राफेल में उड़ान भरेंगे। इसके अलावा जोधपुर एयर बेस स्टेशन पर इस युद्धाभ्यास के विभिन्न पहलुओं के बारे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को अवगत भी कराया जाएगा। ये युद्याभ्यास दोनो वायु सेनाओं के बीच जुड़ाव की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा ।
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2021 में हो रहे किसी भी देश के साथ पहला युद्धाभ्यास में राफेल की ताकत आजमाने का मौका है, जहां भारत और फ्रांस के वायु सैनिक एक दूसरे के अनुभवों को साझा करेंगे। राफेल डील के बाद पहली बार इस आधुनिक तकनीक के विमान का उपयोग युद्धाभ्यास में होने जा रहा है जिससे कि इसकी मारक क्षमता और इसकी गुणवत्ता का जीवंत उदाहरण देखने को मिलेगा। जो कि दोनों देशों के वायु सेनाओं के बीच तकनीक की समझ को बढ़ाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार विपिन राउत के राफेल फ्लाइंग के साथ साथ का लगभग एक घंटे का कार्यमक है , जिसमे की वे राफेल की खूबियों के साथ साथ फ्रांसीसी वायु सेना के आविष्कारों में सबसे उन्नत लड़ाकू से परिचित होंगे, इससे पहले बीते दिन दोनों देशों के वायु सैनिकों के बीच में एक इंट्रोडक्शन सत्र आयोजित हुआ। साथ ही आगामी दिनों की कार्ययोजना भी तय की गई। डेजर्ट नाइट -21 के पहले संस्करण के हिस्से के रूप में, चार फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान अपने ए -320 मल्टीरोल टैंकर परिवहन विमान के साथ जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर मौजूद है। वही अभ्यास में भाग लेने वाले भारतीय वायु सेना के विमानों में मिराज 2000, एसयू -30 एमकेआई, राफेल, आईएल -78 फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) और AEW & C विमान शामिल हैं।
दोनों देशों के विशेषज्ञ रखेंगे नजर
एक और एक्सर्साइज़ के दौरान पायलट राफेल और अन्य विमान के द्वारा युद्धाभ्यास करेंगे तो वहीं दूसरी ओर इसके विशेषज्ञ इन विमानों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके लिए दोनों देशों के दलों ने एयरबेस पर वार रूम भी स्थापित किया है। जहां दोनों देशों के एक्सपर्ट पायलट की और विमान की गतिविधि पर बारीकी से नजर रखेंगे और इस युद्ध अभ्यास के दौरान आने वाली खामियों को नोटिस कर उनको को दूर करने का प्रयास भी करेंगे।