जीवन रेखा मानी जाती है इंदिरा गांधी नहर, नहरबंदी से राजस्थान की 15 लाख एकड़ कृषि भूमि फसल प्रभावित होने की उम्मीद
राजस्थान की जीवन रेखा मानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर करीब 40 दिन तक बंद रहेगी। इंदिरा गांधी नहर पर सिंचाई और पीने के पानी के लिए निर्भर रहने वाले पश्चिमी राजस्थान के आठ जिलों में करीब 40 दिन तक समस्या होने वाली है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की जीवन रेखा मानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर करीब 40 दिन तक बंद रहेगी। इंदिरा गांधी नहर पर सिंचाई और पीने के पानी के लिए निर्भर रहने वाले पश्चिमी राजस्थान के आठ जिलों में करीब 40 दिन तक समस्या होने वाली है। इससे करीब 15 लाख एकड़ कृषि भूमि फसलों के प्रभावित होने की उम्मीद है। यह समस्या नहरबंदी के कारण होगी। नहर की मरम्मत के कारण शनिवार से जून के अंतिम सप्ताह तक नहरबंदी होगी। इस दौरान पानी की चोरी नहीं हो, इस बात का ध्यान रखने के लिए पुलिस फोर्स के जवान तैनात होंगे। पानी की चोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी
पुलिस के जवानों के साथ ही सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी गश्त करेंगे। सभी आठ जिलों कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी लगातार निगरानी रखेंगे। दरअसल, जिन इलाकों में गेंहू की फसल खड़ी है, उन इलाकों के किसान पानी की चोरी कर सिंचाई का प्रयास करेंगे। नहरबंदी के दौरान ऐसा हमेशा होता है। इसी पानी की चोरी को रोकने के लिए सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं।
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विनोद चौधरी के अनुसार नहर की मरम्मत के लिए पानी की आवक बंद करना जरूरी है। 30 अप्रैल तक पीने का पानी नहर में आता रहेगा। लेकिन 1 मई से नहर में पानी पूरी तरह से बंद हो जाएगा, जो जून तक चलेगा। इस दौरान स्थानीय संसाधनों से पीने के पानी की आपूर्ति होगी। नहरबंदी को देखते हुए सभी उपलब्ध वॉटर स्टोरेज पॉइंट्स पहले से ही भरने के निर्देश दिए गए हैं। जिन गांवों में पीने के पानी का संकट खड़ा होगा, वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा। सिंचाई विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में पानी की समस्या हो सकती है।
यह होती है नहरबंदी
दरअसल,पोंग बांध से जैसलमेर तक जाने वाली इंदिरा गांधी नहर का कुछ हिस्सा पंजाब में क्षतिग्रस्त है। इसी क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत करने के लिए नहर को बंद किया जाता है। इस दौरान जल स्तर नीचे होता है तो नहर की मरम्मत की जाती है। जानकारी के अनुसार इस दौरान 42 राजस्थान और 30 किलोमीटर पंजाब में नहर की रिलाइनिंग का काम होता है।