Rajasthan Politics: निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान में सियासी उठापटक के दिए संकेत
Rajasthan Politics राजस्थान में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को टैग करते हुए सितंबर बाद फिर सियासी उठापटक दलबल और बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों की सुप्रीम कोर्ट से सदस्यता रद होने के संकेत दिए हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने सितंबर के बाद फिर प्रदेश की सियासत में उठापटक के संकेत दिए हैं। लोढ़ा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को टैग करते हुए सितंबर बाद फिर सियासी उठापटक, दलबल और बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों की सुप्रीम कोर्ट से सदस्यता रद होने के संकेत दिए हैं। लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा कि मोटा भाई राजस्थान में रुचि नहीं ले रहे हैं। सितंबर तक रुकने को कहा है। सर्वोच्च संस्था के जरिये हाथी लटकाने का इरादा है। हालांकि उन्होंने बतौर पेशगी जुलाई, 2020 में दी गई रकम वापस नहीं ली है, लेकिन लेने वालों की पाचन क्रिया गड़बड़ाई है। खजाना लुट चुका, फिर भी चौकीदारी है। उल्लेखनीय है कि लोढ़ा पिछले कई दिनों से अशोक गहलोत और कांग्रेस को चेताने में जुटे हैं। वे इशारों में लगातार पोस्ट कर रहे हैं। पिछले साल जुलाई में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की तरफ से की गई बगावत के समय लोढ़ा गहलोत के साथ थे। वहीं, बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इधर, राजस्थान के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस में फिर खींचतान सार्वजनिक होने लगी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा अपना हम मांगने लगा है। पायलट के विश्वस्त विधायक वेद्रप्रकाश सोलंकी ने सत्ता में अनुसूचित जाति और जनजाति की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार गठन में इन वर्गों की महत्चपूर्ण भूमिका रही है। इन वर्गों के विधायकों को महत्व के विभागों का मंत्री बनाया जाना चाहिए। इन्हें जनता से जुड़े दमदार विभाग देकर ताकतवर बनाया जाए। सोलंकी ने एक बातचीत में कहा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति के मंत्रियों को कारखाना बायलर्स, श्रम जैसे विभागों का जिम्मा दिया गया है, जिन्हें कोई जानता ही नहीं है। ये मंत्री इन विभागों के माध्यम से आम लोगों का भला नहीं कर सकते। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विधायकों को ऐसे विभाग दिए जाएं, जिससे वे अपने वर्ग का हित कर सकें। पानी, ऊर्जा और चिकित्सा, स्वायत्त शासन जैसे विभाग दिए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने ढाई साल हो गए, अब मंत्रिमंडल का विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम होना चाहिए। कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनी है, सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए।