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Rajasthan Border: राजस्थान और गुजरात सीमा विवाद सुलझने के बढ़े आसार

राजस्थान और गुजरात सीमा विवाद सुलझने के बढ़े आसार उदयपुर और साबरकांठा जिलों के कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों की आपसी बैठक सोमवार को सीमा पर होगी

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 02:02 PM (IST)
Rajasthan Border: राजस्थान और गुजरात सीमा विवाद सुलझने के बढ़े आसार
Rajasthan Border: राजस्थान और गुजरात सीमा विवाद सुलझने के बढ़े आसार

उदयपुर, सुभाष शर्मा। पिछले पैंसठ साल से चला आ रहा राजस्थान और गुजरात का सीमा विवाद सोमवार को सुलझ सकता है। जिसके लिए वर्षों बाद उदयपुर और गुजरात के साबरकांठा जिलों के कलक्टर तथा अन्य अधिकारियों की बैठक सीमा पर सोमवार को आयोजित होगी। राज्य सरकारों की हरी झंडी मिलने के बाद दोनों ही जिलोंके कलक्टर इस विवाद को सुलटाने के लिए पूरी तरह मूड में है।

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बताया गया कि दोनों ही जिला कलक्टरों की मौजूदगी में सोमवार को विवादित भूमि के सर्वे का काम किया जाएगा। जिसमें उदयपुर से जुड़ी गुजरात सीमा की दो सौ बीघा भूमि के विवाद को खत्म किया जाना है। बताया गया कि उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र के क्यारी कलां गांव गुजरात के साबरकांठा जिले के पोसीनाकलां तहसील के कालीकाकर पंचायत की गवरीफलां गांव के बीच यह विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों की सरकारों ने साठ के दशक में अपने-अपने क्षेत्र के ग्रामीणों को एक ही भूमि का आवंटन कर दिया था। जिस पर खेती को लेकर दोनों ही पक्षों में विवाद होने लगा। यहां तक दोनों ही राज्यों के किसानों के बीच भूमि पर कब्जे को लेकर गोलीबारी तथा हिंसक झगड़े हो चुके हैं।

इधर, उदयपुर जिला प्रशासन से मिली जानकारी में बताया गया कि राजस्थान सरकार ने रेबारी समाज के व्यक्ति के नाम उक्त भूमि की थी। जिसे बाद में झांझर निवासी विरमा, अर्जन बुम्बरिया के रेवा बुम्बरिया सहित 22 काश्तकारों का कब्जा है। किन्तु 1997 में हुई हिंसक झड़प के बाद यहां दोनों ही पक्ष के लोगों के काश्त करने पर रोक लगा दी।

हालांकि साल 2014 में गुजरात के काश्तकारों ने यहां खेती करने की कोशिश की और इसी से झगड़ा बढ़ा। फिलहाल विवादित भूमि पर काश्त नहीं की जा रही है लेकिन दोनों ही पक्ष के किसानों में अकसर इसी भूमि पर अधिग्रहण को लेकर मारपीट होती रहती है। जिला कलक्टर आनंदी का कहना है कि सोमवार को विवादित भूमि का सर्वे कराया जाना है। साथ विवाद खत्म करने के लिए साबरकांठा जिले के कलक्टर से वार्ता तय है। उम्मीद है पूर्व में जिस तरह गुजरात से जुड़े सीमा विवाद के मामले निपट चुके हैं, यह भी मामला सुलझ जाएगा। 


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