Move to Jagran APP

राजस्‍थान में अब रात्रि गश्त पर सोने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं

नई गश्त व्यवस्था के तहत अब पुलिसकर्मियों की हाजिरी का अंकन अब चैकिंग बुक के दौरान किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 04:04 PM (IST)
राजस्‍थान में अब रात्रि गश्त पर सोने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं
राजस्‍थान में अब रात्रि गश्त पर सोने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं

उदयपुर, सुभाष शर्मा। रात्रि गश्त पर सोने वाले पुलिसकर्मियों अब सतर्क हो जाएं। अब ऐसा नहीं चलने वाला कि रात्रि गश्त के नाम पर अपने कर्त्तव्य की पालना करने की बजाय आप सो जाएं और रजिस्टर में आपकी हाजिरी अंकित होती रहे। प्रदेश के पुलिस मुखिया कपिल गर्ग ने रात्रि गश्त की नई योजना तैयार की है जो एक फरवरी से प्रदेश भर में लागू होगी।

prime article banner

नई गश्त व्यवस्था के तहत अब पुलिसकर्मियों की हाजिरी का अंकन अब चैकिंग बुक के दौरान किया जाएगा। साथ ही अब बीट वाइज गश्त की जाएगी। डीजीपी ने माना है कि रात्रि गश्त के नाम पर पुलिस के जवान अपने पोइंट्स पर सो जाते हैं और अपराधी बैखौफ हो जाते हैं।

डीजीपी कपिल गर्ग के आदेश के अनुसार अब पुलिस को नए सोलह पोइंट्स के आधार पर जिला मुख्यालय, नगरों, बड़े कस्बों में गश्त करनी होगी। गर्ग ने रात्रि गश्त व्यवस्था के लिए 25 जनवरी तक सभी तैयारियां पूरी करने और इसे एक फरवरी से पूरी तरह लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रत्येक थाना क्षेत्र को आवश्यकतानुसार विभिन्न रात्रि गश्त बीट में विभाजित किया जाएगा।

प्रत्येक रात्रि गश्त बीट के लिए एक रात्रि गश्त बीट पुस्तिका रखी जाएगी, जिसमें क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर, समाजकंटक, सक्रिय वांक्षित अपराधियों, धार्मिक स्थलों की आदि की जानकारी अंकित होगी। रात्रि गश्त व्यवस्था में स्थानीय नागरिकों, सिक्योरिटी गाड्र्स आदि का भी सहयोग लिया जाएगा। रात्रि गश्त बीट में चार या अधिक चिन्हित स्थानों पर चैकिंग पुस्तिका रखी जाएगी। गश्ती दल इस पुस्तिका में आवश्यक सूचना अंकित करेगा और गश्ती दल को चैक करने वाला अधिकारी भी इस पुस्तिका अपने हस्ताक्षर करेगा।

पुलिस अधीक्षक करेंगे मॉनिटरिंग

पुलिस मुखिया डीजीपी कपिल गर्ग के अदेश में साफ है कि नाइट गश्त करने वालों को रास्ते बदल-बदल कर निर्धारित बीट में गश्त करनी होगी। संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ, तलाशी व क्षेत्र में पडऩे वाले हिस्ट्रीशीटर, धार्मिक स्थलों की चैकिंग करने के साथ इसका उल्लेख बीट पुस्तिका में लिखना होगा। गश्त की समाप्ति पर सभी चेक पुस्तिकाएं ड्यूटी अधिकारी की ओर से थाने में एकत्रित की जाएगी। गश्त के दौरान पाई गई विशेष परिस्थितियों के उल्लेख सहित एक रिपोर्ट प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी। इस तरह पुलिस अधीक्षक इसकी मॉनिटरिंग करेंगे तथा व्यवस्था को मुस्तैद रखेंगे। 

पुलिस अधीक्षक, उदयपुर कैलाशचंद्र विश्नोई का कहना है कि मुख्यालय से रात्रि में नई गश्त व्यवस्था के आदेश मिले हैं। इसके बारे में आगामी क्राइम बैठक में जिले के पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.