राजस्थान में किसानों ने किया चक्का जाम,सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया
कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से आंदोलन कर रहे राजस्थान के किसानों ने चक्का जाम किया।
जयपुर, [जागरण संवाददाता]। कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर पिछले 12 दिन से आंदोलन कर रहे राजस्थान के किसानों ने मंगलवार को चक्का जाम किया। राज्य के एक दर्जन जिलों में चक्का जाम का असर देखने को मिला। गांवों से ना तो दूध बाहर निकल सका और ना ही सब्जी और अन्य आवश्यक सामान बाहर आया ।
किसानों ने अधिकांश छोटे-बड़े रास्तों पर सुबह 7 बजे से ही जाम लगा दिया । चक्का जाम का सबसे अधिक असर सीकर,झुंझुंनू,बीकानेर,हनुमानगढ़,श्रीगंगानगर,चुरू और नागौर जिलों में देखने को मिला,शेष जिलों में आंशिक असर नजर आया । किसानों ने वाहनों की आवाजी रोक दी, छोटे-बड़े वाहन नहीं निकलने दिए,कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई । राहगिरों को कई किलोमीटर दूर तक पैदल चलकर जाना पड़ा । तेज होते आंदोलन को शांत करने के लिए सरकार की ओर से किसान नेताओं के साथ वार्ता का दौर शाम को शुरू हुआ,सरकारी प्रतिनिधियों ने उम्मीद जताई है कि देर रात तक अथवा बुधवार सुबह तक वार्ता का हल निकलेगा और किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे ।
समझौता वार्ता में सरकार की ओर से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी,जल संसाधन मंत्री डॉ.रामप्रताप,कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी,सहकारिता मंत्री अजय किलक सहित कई अधिकारी एवं किसानों की ओर से पूर्व विधायक अमराराम और पेमाराम सहित आधा दर्जन किसान नेता शामिल हुए । जानकारी के अनुसार सरकार ने जिले के भीतर किसानों के वाहनों के लिए टोल टैक्स में छुट देने,सहकारी लोन की ब्याज दर कम करने का किसान नेताओं को भरोसा दिलाया है ।