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डूंगरपुर में उपद्रव मामले की जांच करेंगे गृहसचिव, दस अक्टूबर को आएंगे डूंगरपुर

डूंगरपुर में उपद्रव मामले की जांच गृह सचिव एनएल मीणा अपनी जांच शुरू करने से पहले यहां अब तक हुई प्रशासनिक तथा पुलिस जांच की प्रक्रिया की जानकारी लेंगे। इसके लिए वह कुछ दिन डूंगरपुर में रहकर कार्य करेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 12:33 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 12:33 PM (IST)
डूंगरपुर में उपद्रव मामले की जांच करेंगे गृहसचिव, दस अक्टूबर को आएंगे डूंगरपुर
डूंगरपुर में हुए उपद्रव की जांच राजस्थान के गृह सचिव करेंगे

उदयपुर, जागरण संवाददाता। डूंगरपुर में दो सप्ताह पहले हुए उपद्रव की जांच राजस्थान के गृह सचिव करेंगे। इसके लिए वह दस अक्टूबर को डूंगरपुर पहुंच रहे हैं। गृह सचिव एनएल मीणा अपनी जांच शुरू करने से पहले यहां अब तक हुई प्रशासनिक तथा पुलिस जांच की प्रक्रिया की जानकारी लेंगे। इसके लिए वह कुछ दिन डूंगरपुर में रहकर कार्य करेंगे।

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मीणा ने बताया कि प्रशासनिक जांच प्रक्रिया का फॉलोअप लेकर जांच की जाएगी। सभी संबंधित पक्षों और पहलुओं को लेकर बातचीत की जाएगी। प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों ही नहीं, बल्कि आम जनता से भी बात की जाएगी। एवीडेंस तथा विटनेस आदि को देखने जाएंगे। जांच में कितना समय लगेगा, अभी उन्होंने खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि जांच की दिशा आंदोलन के उपद्रव में बदलने और उसमें किन-किन लोगों की भूमिका थी, को लेकर की जाएगी।

डूंगरपुर में दो सप्ताह पहले हुए उपद्रव की जांच राजस्थान के गृह सचिव करेंगे। इसके लिए वह दस अक्टूबर को डूंगरपुर पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में अनारक्षित 1167 सीटों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर डूंगरपुर की कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर जनजाति अभ्यर्थियों ने पिछले महीने की शुरूआत में महापड़ाव शुरू किया था। इसके 17 दिन बाद 24 सितम्बर को आंदोलनकारी अचानक हाईवे पर पड़ाव देने उतरे और हिंसा पर उतारू हो गए। चार दिन तक चले हिंसक आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने पचास से अधिक वाहनों को आग लगा दी, होटल, पेट्रोल पंप तथा अन्य प्रतिष्ठानों में लूटपाट कर आगजनी की।

पुलिस के रोके जाने पर उन्होंने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें पचास से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। इस मामले में अभी तक 43 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं तथा 113 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिनमें बीटीपी से विधायक का चुनाव लड़ चुके उमेश डामोर भी शामिल हैं। इस मामले में पांच सरकारी कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने आंदोलनकारियों को हिंसा के लिए उकसाया। जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिन्हें आधार बनाकर पुलिस ने कार्रवाई की। 


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