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Rajasthan: मेवाड़ के पूर्व राजघराने की संपत्ति विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस

Rajasthan राजस्थान हाईकोर्ट ने मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ स्वर्गी महाराणा भगवत सिंह के कानूनी प्रतिनिधि अरविन्द सिंह मेवाड़ ए सुब्रहमण्यम मध्य प्रदेश के सीमा महू के राजा कृष्ण सिंह की पत्नी योगेश्वरी देवी सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 07:53 PM (IST)
Rajasthan: मेवाड़ के पूर्व राजघराने की संपत्ति विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस
मेवाड़ के पूर्व राजघराने की संपत्ति विवाद को लेकर हाईकोर्ट का नोटिस। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: मेवाड़ के पूर्व राजघराने की संपत्ति विवाद को लेकर उदयपुर के अंबालाल नायक के भी पार्टी बनने के संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए है। इनकी सुनवाई के बाद अदालत यह फैसला करेगी कि अंबालाल नायक इस मामले में पक्षकार बन सकते हैं या नहीं। राजस्थान हाईकोर्ट ने मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़, स्वर्गी महाराणा भगवत सिंह के कानूनी प्रतिनिधि अरविन्द सिंह मेवाड़, ए सुब्रहमण्यम, मध्य प्रदेश के सीमा महू के राजा कृष्ण सिंह की पत्नी योगेश्वरी देवी सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। जिनसे विवादित संपत्ति के स्वामित्व को लेकर जबाव मांगा गया है। इनकी सुनवाई के बाद कोर्ट तय करेगा कि राजघराने की संपत्ति विवाद में अंबालाल नायक पार्टी बन सकते हैं या नहीं।

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नायक ने इसलिए किया वाद

उदयपुर के होटल लक्ष्मीविलास पैलेस के पूर्व कर्मचारी अंबालाल नायक ने अदालत में हाईकोर्ट में वाद करते हुए अदालत को बताया कि जिस संपत्ति विवाद में शामिल स्थायी संपत्ति का स्वामित्व राज्य सरकार का था। राज्य सरकार के स्वामित्व की संपत्ति को निजी हाथों में सुपुर्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने एडवोकेट हरीश कुमार पुरोहित के जरिए पेश प्रार्थना पत्र के साथ केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट के अंतरिम सचिव यूके चट्टोपाध्याय के 27 जून 1949 केा मेवाड़ राजघराने की संपत्ति के अलावा बलवंत सिंह महता बनाम मेवाड़ राज्य के भूतपूर्व महाराणा भगवतसिंह को लेकर जारी मुकदमे के दौरान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से 22 अगस्त 1986 को पेश दस्तावेज में दर्शाई सरकारी संपत्ति का हवाला दिया है। जिसमें बताया गया कि मेवाड़ के संविधान 23 मई 1947 में राजघराने की संपत्ति में उदयपुर का सिटी पैलेस, जगनिवास महल वर्तमान में लेक पैलेस, लक्ष्मीविलास महल वर्तमान में लक्ष्मीविलास होटल, भोपाल भवन, जयसमंद महल, राजसमंद महल, रेजीडेंसी बिल्डिंग ही दर्शाई गई है।

बताई गई संपत्ति 70 फीसदी सरकार की

अंबालाल नायक का दावा है कि मेवाड़ राजघराना जिस संपत्ति के स्वामित्व पर हक जता रहे हैं, उनमें से सत्तर फीसदी राज्य सरकार के स्वामित्व की है। जिसमें ऐतिहासिक जग मंदिर जिसे पुरातत्व विभाग ने सुरक्षित स्मारक के तौर पर कर रखी थी। इसी तरह गार्डन होटल, कई महल जिन्हें होटल में तब्दील कर दिया गया, होटल ओदी भी शामिल है।

राजघराने की संपत्ति को लेकर चल रहा चार दशक से विवाद

उल्लेखनीय है कि मेवाड़ राजघराने की संपत्ति के मालकिना हक को लेकर चार दशक से विवाद जारी है। पिछले साल 30 जून को उदयपुर की अदालत ने फैसला सुनाया था, जिसमें राजघराने की संपत्ति को संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति मानते हुए प्रमुख वादी महेंद्र सिंह मेवाड़, बहन योगेश्वरी देवी, अनुज अरविन्द सिंह मेवाड़ तथा उनके दिवंगत पिता भगवत सिंह मेवाड़ के बीच चार बराबर हिस्सों में बांटने की डिक्री जारी की गई थी। जिसके खिलाफ अरविन्द सिंह मेवाड़ ने हाईकोर्ट में अपील कर रखी है। 


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