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Rajasthan Rain: राजस्थान में चार दिन भारी बारिश की चेतावनी

Rajasthan Rain मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन तक राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। रविवार को प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश होने से कई इलाकों में पानी भर गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:36 PM (IST)
Rajasthan Rain: राजस्थान में चार दिन भारी बारिश की चेतावनी
राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश के कारण कोटा के खातौली में पार्वती नदी और नागौर जिले में जोजर नदी उफान पर है। कोटा-श्योपुर मार्ग बंद होने के कारण मध्य प्रदेश से संपर्क कट गया। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन तक राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य के 33 में से 22 जिलों में अब तक सामान्य से कम और 11 में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। रविवार को भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, कोटा, टोंक, भरतपुर सहित एक दर्जन जिलों में मूसलाधार बारिश होने से कई इलाकों में पानी भर गया। निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। तेज बारिश के बीच भीलवाड़ा में एक मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए।

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नागौर के मकराना में मकान की छत गिरने से एक महिला की मौत हो गई। मौसम विभाग और जलसंसाधन विभाग मिली रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा नौ इंच बारिश नागौर जिले के मकराना में हुई है। अजमेर में 137 एमएम, भिनाय में 151, मागलियावास में 120, विजयनगर में 117, मसूदा में 108, पुष्कर में 104, बारां में 102, किशनगंज में 105, अटरू में 100 और टोंक में 112 एमएम बारिश हुई है। राज्य के रेगिस्तानी क्षेत्र जैसलमेर में सामान्य से 88 फीसद ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, लेकिन जोधपुर संभाग का ज्यादातर हिस्सा अभी भी अच्छी बारिश के लिए तरस रहा है। 

आइएमडी ने रविवार को बताया कि जुलाई में बारिश सामान्य से सात प्रतिशत कम दर्ज की गई। लेकिन एक जून से 31 जुलाई तक देश में कुल मिलाकर बारिश सामान्य से एक प्रतिशत कम रही है।विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जुलाई में हुई वर्षा दीर्घावधि औसत (एलपीए) के लगभग 93 प्रतिशत के आसपास है। बारिश का आंकड़ा जब 96 से 104 के बीच होता है तो उसे सामान्य कहा जाता है, जबकि 90 से 96 के बीच बारिश को सामान्य से कम माना जाता है। जुलाई में तटीय और मध्य महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई। महाराष्ट्र में कई शहरों और कस्बों में बहुत भारी बारिश हुई, इसके चलते भूस्खलन जैसी भीषण घटनाएं हुईं जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ।


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