हार्दिक पटेल की जियारत पर दरगाह के खादिमों में पनपा विवाद, खादिम फैजल नियाजी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज
पुलिस का आरोप है कि कोरोना काल में दरगाह में चादर फूल प्रसाद आदि चढ़ाने पर रोक होने के बाद भी हार्दिक पटेल की जियारत के समय ऐसी प्रतिबंधति सामग्री का उपयोग हुआ। राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानूखान बुधवाली भी जियारत के समय उपस्थित रहे।
जागरण संवाददाता, अजमेर। गुजरात कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हार्दिक पटेल की अजमेर ख्वाजा मोईनुददीन हसन चिश्ती की दरगाह जियारत पर खादिमों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। खादिम समुदाय के लोगों द्वारा ही सवाल खड़े किए जाने पर हार्दिक पटेल को दरगाह जियारत कराने वाले खादिम के खिलाफ पुलिस को महामारी कानून में मुकदमा दर्ज करना पड़ा है। राज्य भर में धार्मिक स्थलों पर पूजा सामग्री पर रोक लगी हुई है। राजस्थान में कांग्रेस का शासन है, ऐसे में हार्दिक पटेल की दरगाह जियारत पर मुकदमेबाजी को सियासी गलियारे में चस्के के साथ चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, अजमेर में जब लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तब बड़ी संख्या में लोग बाहर से जियारत के लिए आ रहे हैं। यही वजह है कि दरगाह परिसर खचाखच भरा रहता है।
पटेल की जियारत को लेकर दरगाह में छिड़ा विवाद
जानकारी के अनुसार हार्दिक पटेल ने 22 नवम्बर को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह जियारत की थी। पटेल ने सूफी परंपरा के अनुरूप अपने सिर पर मखमली और फूलों की चादर रखी और मजार शरीफ पर पेश की। जियारत तो सुकून के साथ हो गई, लेकिन अब पटेल की जियारत को लेकर दरगाह में विवाद शुरू हो गया।
जियारत के समय ऐसी प्रतिबंधति सामग्री का उपयोग
पुलिस ने हार्दिक पटेल को जियारत करवाने वाले खादिम फैजल नियाजी के विरुद्ध राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का आरोप है कि कोरोना काल में दरगाह में चादर, फूल, प्रसाद आदि चढ़ाने पर रोक लगी हुई है। इसके बाद भी हार्दिक पटेल की जियारत के समय ऐसी प्रतिबंधति सामग्री का उपयोग हुआ।
जियारत की सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई : खादिम
चूंकि पटेल को खादिम फैजल ने ही जियारत करवाई है, इसलिए मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के पास तो सब सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि जियारत के समय कानून का उल्लंघन हुआ। मुकदमा दर्ज होने पर दरगाह के कई खादिमों ने नाराजगी जताई है कई ने दबीजुवान से इसे सही बताया है, वहीं पटेल के खादिम फैजल का कहना है कि जियारत की सामग्री उसने उपलब्ध नहीं करवाई।
मामले में हार्दिक पटेल का तो कोई सरोकार ही नहीं
फैजल ने कहा कि हार्दिक पटेल की सुरक्षा में पुलिस वाले भी लगे हुए थे, यदि कानून का उल्लंघन हो रहा था तो उसी समय रोकना चाहिए था। फैजल ने इस बात पर अफसोस जताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी हार्दिक पटेल की जियारत को लेकर मुकदमा दर्ज हो रहा है। फैजल ने कहा कि इस मामले में हार्दिक पटेल का तो कोई सरोकार ही नहीं है।
सैयद वाहिद हुसैन ने दस्तारबंदी कर स्वागत किया
गौरतलब है कि पटेल के साथ राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानूखान बुधवाली और उनके समर्थक भी मौजूद थे। दरगाह कमेटी एवं अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने दस्तारबंदी कर स्वागत किया था। इस अवसर पर एनएसयुआई के राष्ट्रीय सचिव अजीम खान, अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव आरिफ हुसैन, शिव कुमार बंसल, सैयदकुतुब चिश्ती, आदि कांग्रेसजन भी उपस्थित थे।
अजमेर में लगातार बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण
हालांकि 22 नवम्बर से अजमेर में भी रात्रिकालीन कर्फ्यू लग गया है। लेकिन दिन में जियारत के लिए भीड़ लगी रहती है। ऐसे में यदि चादर फूल आदि चढ़ाने को बढ़ावा मिलेगा तो संक्रमण के हालात और बिगड़ेंगे। जियारत के लिए प्रभावशाली लोग आते ही रहते हैं। ऐसे में हार्दिक पटेल की जियारत के समय चादर फूल आदि चढ़ाने की अनदेखी नहीं की जा सकतीं है। यदि एक व्यक्ति को छूट दी जाएगी तो फिर अन्य भी ऐसी ही छूट मांगेंगे।