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Agricultural Laws: नए कृषि कानून वापस नहीं होने पर एनडीए से अलग होने पर विचार करेंगेः हनुमान बेनीवाल

Agricultural Laws हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि अगर केंद्र सरकार ने तीनों किसान कानून वापस नहीं लिए तो उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में रहने पर विचार करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 09:12 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 09:34 PM (IST)
Agricultural Laws: नए कृषि कानून वापस नहीं होने पर एनडीए से अलग होने पर विचार करेंगेः हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने कहा, नए कृषि कानून वापस नहीं होने पर एनडीए से अलग होने पर विचार करेंगे।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Agricultural Laws: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानून मामले में एनडीए से अलग होने की चेतावनी दी है। बेनीवाल ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि अगर केंद्र सरकार ने तीनों किसान कानून वापस नहीं लिए तो उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में रहने पर विचार करेगी। उन्होंने किसानों को दिल्ली में बातचीत के लिए उचित स्थान देने की भी मांग की है। बेनीवाल ने कहा कि भीषण सर्दी और कोरोना काल में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं, जो शासन के लिए शोभनीय है। बेनीवाल ने स्वामिनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करने की मांग की है। बेनीवाल ने इससे पहले गुरुवार को कहा था कि केंद्र सरकार को दिल्ली आ रहे किसानों की बात सुनकर कृषि कानून को वापस लेने की जरूरत है।

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हरियाणा सहित आसपास के राज्यों की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नहीं अपनाएं। अगर पुलिस और सरकारों ने किसानों के विरोध में कोई दमनकारी नीति अपनाई तो आरएलपी राजस्थान सहित पूरे देश में में आंदोलन करेगी। उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। राजस्थान में भी पंजाब से सटे श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में कुछ किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले एनडीए में सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों के मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसानों की बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनकर कृषि कानूनों को वापस लेने की जरूरत है। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि हरियाणा समेत आसपास के राज्यों की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नहीं अपनाएं। अगर पुलिस व सरकारों ने कोई दमनकारी नीति अपनाई तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी राजस्थान सहित देशभर में किसानों के पक्ष में प्रदर्शन करेगी। केंद्र को स्वामिनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की भी जरूरत है, ताकि किसान कौम का भला हो सके।

एनडीए का सहयोगी दल होने के बावजूद बेनीवाल कई मुद्दों पर केंद्र सरकार व भाजपा नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बेनीवाल ने कई बार सार्वजनिक रूप से बयान दिए। उन्होंने वसुंधरा राजे और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मिलीभगत का आरोप तक लगाया। वहीं, कुछ दिनों पूर्व जोधपुर में किसानों से जुड़े मुद्दों पर कहा था कि वे किसी भी स्थिति में किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। उन्होंने यहां तक कहा था कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की आपत्ति यह है कि कृषि कानूनों से जुड़े विधेयक संसद में पेश करने से पहले सहयोगी दलों को विश्वास में नहीं लिया गया। प्रदेश के विभिन्न जिलों में पार्टी के कार्यक्रमों व पंचायत चुनाव के दौरान प्रचार में किसानों को संबोधित करते हुए भी बेनीवाल ने कृषि कानूनों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वे किसान के साथ हैं, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े।


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