गुर्जरों ने चौथे दिन भी रेलवे ट्रैक पर कब्जा बरकरार रखा-सरकार और गुर्जरों में नहीं हो सका समझौता
राजस्थान के गुर्जरों ने बुधवार को चौथे दिन भी भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक कब्जा जमाए रखा। गुर्जरों रेलवे ट्रैक पर ही रात गुजार रहे हैं यहीं आंदोलनकारियों का भोजन तैयार होता है। पुरूषों के साथ महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर रेलवे ट्रैक पर बैठी हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर : अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल कराने,बैकलॉग भर्ती प्रक्रिया पूरी करने व देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान के गुर्जरों ने बुधवार को चौथे दिन भी भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक कब्जा जमाए रखा। गुर्जरों रेलवे ट्रैक पर ही रात गुजार रहे हैं, यहीं आंदोलनकारियों का भोजन तैयार होता है। पुरूषों के साथ महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर रेलवे ट्रैक पर बैठी हैं। इसी बीच आंदोलन पूरे प्रदेश में फैलने लगा है।
बात कर समझौता प्रस्ताव बताया, लेकिन सहमति नहीं
बुधवार को अजमेर व पाली में गुर्जरों ने ब्यावर-पिंडवाड़ा राजमार्ग पर जाम लगाया। भीलवाड़ा में गुर्जरों की बैठक हुई। टोंक में गुर्जर समाज के लोग एकत्रित हुए और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में चलाए जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया। कर्नल बैंसला से वार्ता के लिए बुधवार को दो बार प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज.के.पवन हिंडौन स्थित आवास व रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। उन्होंने बैंसला से बात कर सरकार का समझौता प्रस्ताव बताया, लेकिन सहमति नहीं हुई।
दूसरे गुर्जर गुट का बैंसला पर करोड़ों उगाही का आरोप
पिछले सप्ताह सरकार के साथ 14 सूत्री मांगों पर समझौता करने वाले गुर्जर समाज के दूसरे गुट के नेता हिम्मत सिंह ने बुधवार को समाज को धोखा देकर धन उगाही का आरोप लगाया। हिम्मत सिंह ने कर्नल बैंसला व उनके पुत्र विजय पर आरोप लगाते हुए कहा कि अति पिछड़ा वर्ग की 1,252 कर्मचारियों को नियमित वेतन क्षृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिलाने के लिए दोनों पिता-पुत्र ने प्रत्येक कार्मिक से 10-10 हजार की रकम एकत्रित की । यह रकम कर्नल बैंसला फाउंडेशन ट्रस्ट में ली गई।
नहरा के 80 गांवों के प्रमुख पंच-पटेल हिंडौन पहुंचे
हिम्मत सिंह ने ट्वीट कर कहा, कर्नल बैंसला ट्रस्ट के नाम पर धन उगाही कर रहे हैं। सरकार के सामने वही मांग उठाते हैं, जिनका पैसा मिल गया हो। वे अबतक करोड़ों का धन एकत्रित कर चुके हैं। वे आरक्षण की लड़ाई के नाम पर पैसा एकत्रित करते हैं। पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों को हटाने की मांग को लेकर नहरा क्षेत्र के 80 गांवों के प्रमुख पंच-पटेल हिंडौन पहुंचे।
सरकार के साथ गुर्जर समझौता कर वापस लौटे थे
लेकिन बैंसला के घर पर नहीं मिलने की जानकारी होने पर वापस लौटना पड़ा। इस प्रतिनिधिमंडल में वे लोग भी शामिल थे, जोकि सरकार के साथ गुर्जर समझौता कर वापस लौटे थे और आंदोलन नहीं करने की मांग की थी। एक तरह से यह गुर्जरों का दूसरा गुट है। आंदोलन जारी है। गुर्जरों द्वारा रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने के कारण उत्तर-पश्चिम रेलवे ने 12 ट्रेनों का मार्ग बदला है।