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राजस्थान में गुलाब चंद कटारिया बने नेता प्रतिपक्ष

Gulab chand Kataria. राजस्थान में भाजपा विधायक दल ने पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष चुना है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:18 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:19 PM (IST)
राजस्थान में गुलाब चंद कटारिया बने नेता प्रतिपक्ष
राजस्थान में गुलाब चंद कटारिया बने नेता प्रतिपक्ष

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में भाजपा विधायक दल ने पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष चुना है। कटारिया ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को उपनेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया।

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राजस्थान की नई विधानसभा का पहला सत्र 15 जनवरी से शुरू होना है। इसे देखते हुए रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। विधायक दल की इस बैठक के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना का नाम तय किया था, लेकिन दोनों ही नहीं आए।उनके स्थान पर राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह यहां आए। इनके अलावा लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेवकर और सह प्रभारी सुधांशु त्रिवेदी मौजूद थे। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी माौजूद थी।

बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम के लिए मात्र औपरचारिकता ही हुई। कटारिया के नाम पर सभी विधायकों ने सहमति प्रकट की और उन्हें नेता प्रतिपक्ष घोषित कर दिया गया। कटारिया ने घोषणा के बाद कहा कि हम सरकार को सदन में और सडक पर चैन से नहीं बैठने देंगे। भाजपा की सीटें जरूर कम हैं, लेकिन कांग्रेस के पास भी बहुमत नहीं है। बस हमसे सीटें ज्यादा हैैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की टीम लोकसभा चुनाव में तस्वीर बदल देगी और केंद्र में भाजपा की सरकार के लिए राजस्थान की सभी सीटें पार्टी जीतेगी।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हम सबने मिल कर कटारिया का चयन किया है। वे पहले भी इस पद पर रह चुके हैं, इसलिए उन्हें इस पद का पूरा अनुभव है और हमस ब मिल कर उन्हें अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। प्रकाश जावडेकर और प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी कटारिया को शुभकामनाएं दी।

लंबे अनुभव का मिला फायदा- गुलाब चंद कटारिया राजस्थान में भाजपा के सबसे पुराने नेताओं में से हैं। उन्होंने 1977 में पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 1980 में वे फिर विधायक बने। इसके बाद 1993 से आज तक वे लगातार हर चुनाव जीत रहे है। बीच में एक बार सांसद भी बन चुके हैं। इसके अलावा एक बार प्रदेश अध्यक्ष और दो बार नेता प्रतिपक्ष तथा गृहमंत्री व शिक्षा मंत्री जैसे पद सम्भाल चुके हैं। राजस्थान के उदयपुर सम्भाग में उनका खासा दबदबा है। इस बार भी मेवाड में पार्टी ने 28 में से 15 सीटें जीती और इस मिथक को तोड़ा कि राजस्थान में उसी की सरकार बनती है, जो मेवाड़ में जीतता है।

राजेन्द्र राठौड उपनेता प्रतिपक्ष- कटारिया ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद सात बार विधायक रह चुके राजेन्द्र राठौड को उपनेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया। राठौड वसुंधरा राजे के नजदीकी नेताओं में गिने जाते है। संसदीय कार्यमंत्री के रूप में उनके पास सदन के फलोर मैनेजमेंट का अच्छा अनुभव है और बहुत प्रभावी नेता माने जाते है। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में उनका नाम भी चल रहा था, लेकिन वरिष्ठता को देखते हुए कटारिया के नाम का चयन किया गया।


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