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जोधपुर आर्मी कैंप से AIIMS के बीच बना ग्रीन कॉरिडोर, 12 किमी. का सफर 9 मिनट में तय कर घायल सैनिक पहुंचा अस्पताल

जैसलमेर में सैन्य अभ्यास के दौरान सैनिक के उंगली कट गई थी। घायल सैनिक को अस्‍पताल पहुंचाने के लिए जोधपुर आर्मी केम्प से एम्स के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। एयरलिफ्ट से घायल जवान को एम्बुलेंस में पुलिस व सैन्य एस्कॉर्ट कर एम्स के लिए पहुचाया गया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 10:25 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 10:25 AM (IST)
जोधपुर आर्मी कैंप से AIIMS के बीच बना ग्रीन कॉरिडोर, 12 किमी. का सफर 9 मिनट में तय कर घायल सैनिक पहुंचा अस्पताल
घायल जवान को अस्‍पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया

जोधपुर, रंजन दवे। जोधपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एक घायल सैनिक को महज 9 मिनट में एम्स अस्पताल पहुंचाया गया जबकि आर्मी बेस कैंप से एम्स अस्पताल की दूरी 12 किलोमीटर है। इसके लिए पूरे 12 किलोमीटर के ट्रैफिक को रोका गया और सेना के जवान की एंबुलेंस को पुलिस ट्रैफिकिंग की मदद से एम्स पहुंचाया गया। सैनिक को जैसलमेर से हेलीकॉप्टर द्वारा एअरलिफ्ट कर जोधपुर लाया गया था जिसके बाद रातानाडा सैनिक क्षेत्र से जवान को महज 9 मिनट में एम्स में ले जाया गया। जैसलमेर में सैन्य अभ्यास के दौरान सैनिक के उंगली कट गई थी।

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       पुलिस आयुक्त यातायात चैनसिंह महेचा के अनुसार सेना का एक जवान शुक्रवार सुबह घायल हो गया। उसे प्लास्टिक सर्जरी के लिए एम्स ले जाया जाना था। इसके लिए सेना के अधिकारियों ने यातायात पुलिस से सम्पर्क किया और ग्रीन कॉरीडोर सहायक मुहैया करवाने का आग्रह किया। जिसके बाद पुलिस की यातायात शाखा ने ततपरता दिखाते हुए पूरे मार्ग में वायरलेस मेसेज भेज कर ग्रीन कॅरिडोर बनाया और एम्स मार्ग तक यातायात रोक दिया। एयरलिफ्ट से जोधपुर पहुचे सेना के घायल जवान को एम्बुलेंस में पुलिस व सैन्य एस्कॉर्ट कर एम्स के लिए पहुचाया गया। 

 मिलिट्री स्टेशन से एम्स तक पूरे रास्ते में यातायात रोककर ग्रीन कॉरिडॉर (यातायात रहित) मार्ग उपलब्ध करवाया गया। पुलिस आयुक्त यातायात चैनसिंह महेचा के अनुसार इस 12 किमी के सफर को तय करने महज 9 मिनिट का समय लगा। मिली जानकारी के अनुसार जेसलमेर में सैन्य अभ्यास के दौरान  सज्जन सिंह नामक जवान कि अंगुली कट कर अलग हो गयी थी, जिसे प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से जोड़ना था। इसके लिए तत्काल चिकिस्ता सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जवान को जेसलमेर से जोधपुर ऐरयलिफ्ट किया गया और ग्रीन कॅरिडोर बनाया गया। घायल जवान को इस कारण तुरंत प्रभाव से चिकित्सा उपलब्ध हो सकी।


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