Rajasthan: भरतपुर में बजरी माफिया ने ट्रैक्टर से किसान को कुचला, मौत; ग्रामीणों ने लगाया जाम
Rajasthan बजरी माफिया ने ट्रैक्टर और ट्राली से एक किसान को बुरी तरह से कुचल दिया गया। किसान की मौके पर ही मौत हो गई। किसान को कुचलने के बाद चालक ट्रैक्टर को खेत में ले गया जिससे खड़ी सरसों की फसल खराब हो गई।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले के रूपवास इलाके में बजरी माफिया ने ट्रैक्टर और ट्राली से एक किसान को बुरी तरह से कुचल दिया गया। किसान की मौके पर ही मौत हो गई। किसान को कुचलने के बाद चालक ट्रैक्टर को खेत में ले गया, जिससे खड़ी सरसों की फसल खराब हो गई। हादसे के बाद आसपास के ग्रामीणों ने धौलपुर-रूपवास मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश कर किसानों को हटाया। ट्रैक्टर चालक बजरी माफिया है। वह अपने साथियों के साथ मिलकर अवैध बजरी का कारोबार करता है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को ओडेल गद्दी गांव का रहने वाला किसान नईम खान खेतों में घूमने गया था। वह खेतों में फसल देख रहा था कि अचानक भरतपुर की तरफ से बजरी माफिया टैक्टर लेकर आया और नईम पर चढ़ा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रूपवास पुलिस थाना अधिकारी भेजाराम ने बताया कि उपखंड अधिकारी राजीव शर्मा ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। आसपास के ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक किसान के स्वजनों को आर्थिक मदद देने की मांग की है।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले किसान कर्जमाफी का मुद्दा गरमा गया है। कर्ज नहीं चुकाने के कारण राज्य के 10 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है। किसान कर्ज माफी को लेकर भाजपा जहां कांग्रेस सरकार को घेर रही है। वहीं, अशोक गहलोत सरकार का कहना है कि राज्यपाल कलराज मिश्र और केंद्र सरकार के कारण सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं हो पा रहा है। सीएम गहलोत के बाद अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार ने 31 अक्टूबर, 2020 को किसान की पांच एकड़ तक की जमीन को नीलामी या कुर्की से मुक्त करने को लेकर सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक, 2020 विधानसभा में पारित करवाया था। इस विधेयक के साथ ही केंद्रीय कृषि कानूनों को बाईपास करने के लिए तीन विधेयक भी पारित कर मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजे गए थे, लेकिन राज्यपाल ने चारों विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है। राज्यपाल यदि विधेयक को मंजूरी दे देते तो पांच एकड़ तक भूमि के मालिकों को राहत मिल जाती। उधर, करीब 35 लाख किसानों पर 60 हजार करोड़ का राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज बकाया है। इन बैंकों ने कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू की है।
Edited By Sachin Kumar Mishra