Lockdown: राजस्थान में जरूरतमंदों को अब आटा देगी सरकार
Coronavirus. खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। राजस्थान के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर सरकार आटा वितरित करेगी।
अभी तक सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं दिया जा रहा था, लेकिन कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में आटा चक्कियां नहीं चल रही हैं। इसके अलावा लाॅकडाउन में भी ज्यादातर जगह आटा चक्कियां बंद हैं। इसी के चलते यह मांग उठ रही थी कि सरकार गेहूं की जगह आटा दे।
खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा। खाद्य मंत्री ने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 व 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाए तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जाएगा।
खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के जो क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त नहीं है, वहां की आटा मिलों व आटा चक्कियों को खुला रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क ड्राई राशन सामग्री में गेहूं आदि के रूप में वितरित किया जाना है। ऐसे प्रकरणों में दानदाताओं को ड्राई राशन में गेहूं अनाज के स्थान पर आटा देने के लिए कहा जाएगा।
गौरतलब है कि राजस्थान का भीलवाड़ा शुक्रवार को पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया। यहां भर्ती दो रोगी भी अब ठीक हो गए और उन्हें शुक्रवार को घर भेज दिया गया। भीलवाड़ा में अब तक 28 मामले पॉजिटिव आए थे। इनमें से दो की मौत हो गई, वहीं 26 ठीक होकर घर चले गए।मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ जंग में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा पूरे देश में हुई है। यहां पहला मामला 18 मार्च को आया था। इसके बाद प्रशासन ने सख्ती की और तेजी से काम किया। 17 अप्रैल को रात नौ बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 5129 सैंपल लिए जा चुके हैं।