राजस्थान में बिना बीमा सरपट दौड़ रहे सरकारी वाहन
जिला कलक्टर से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के वाहन बिना बीमा के चलाए जा रहे हादसा होने पर विभाग और राज्य सरकार को देना होता है क्लेम
उदयपुर, सुभाष शर्मा। आम आदमी यदि बिना बीमा के वाहन चलाता पकड़ा जाए तो पुलिस उसका चालान काटने में देरी नहीं करती लेकिन आपको जानकार यह आश्चर्य होगा कि प्रदेश भर में सरकारी वाहन बिना बीमा के चल रहे हैं। यहां तक पुलिस के वाहनों का भी बीमा नहीं कराया जाता।
बीमा के अभाव में जब कभी दुर्घटना में किसी अधिकारी या कर्मचारी की मौत हो जाए तो उसका क्लेम राज्य सरकार को ही भुगतना होता है। उदयपुर जिला गैराज में शामिल बुलेट प्रूफ कार तक का भी बीमा नहीं है, जिनका उपयोग उदयपुर आने वाले जेड प्लस सुरक्षा वाले अतिथियों के लिए ही किया जाता है। इस तरह प्रदेश के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आवंटित सभी वाहन बिना बीमा के ही सडक़ों पर दौड़ रहे हैं।
उदयपुर जिले में सरकारी वाहनों की स्थिति देखी जाए तो जिला पूल के पास ग्यारह वाहनों का बेड़ा, पुलिस विभाग के चार सौ वाहन तथा अन्य विभागों के ढाई सौ से अधिक वाहन शामिल हैं, जिनका बिना बीमा के सड़क पर सरपट दौड़ रहे हैं। बगैर बीमा के यदि सरकारी वाहनों का दुर्घटना चालक की गलती से हो जाए तो उसका हर्जा स्वयं चालक को भी भरना होताहै, इसके विपरीत यदि दुर्घटना में किसी अधिकारी की मौत हो जाए तो उसका मुआवजा यानी क्लेम राज्य सरकार और मोटर विभाग भी भुगतता है। दुर्घटना में किसी वाहन चालक की मौत की स्थित मोटर विभाग अदालत के फैसले की पालना करता आया है लेकिन वाहनों का बीमा कराने के लिए प्रयास शुरू नहीं किए गए।
राज्य सरकार की नीति जिम्मेदार
सरकारी वाहनों के बीमा नहीं कराए जाने के मामले में बताया गया कि इसके लिए राज्य सरकार की नीति जिम्मेदार है। जिसके तहत सरकारी वाहनों का बीमा रिन्यू नहीं कराया जाता। ऐसे वाहनों में जिला कलक्टर से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन शामिल हैं, जिन्हं राज्य सरकार ने आवंटित कर रखा है। इसी तरह उदयपुर जिला पुलिस के पास मौजूद सवा सौ लाइट व्हीकल, दो दर्जन हैवी व्हीकल तथा ढाई सौ से अधिक दुपहिया वाहन शामिल हैं। तनाव की बलवे की स्थिति में अकसर पुलिस और सरकारी वाहनों को निशाना बनाया जाता है और नुकसान की भरपाई विभाग स्वयं उठाते हैं।
इस मामले में राजस्थान मोटर विभाग के प्रभारी अजय कुमार शर्मा का कहना है कि राजस्थान मोटर विभाग के वित्तिय नियमों के चलते सरकारी वाहनों का बीमा नहीं कराया जाता। इसी तरह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनंत कुमार बताते हैं कि विभाग की तय नीति के तहत वाहनों का बीमा नहीं कराया जाता।