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कंफर्म टिकट के बावजूद प्लेन से यात्री को उतारने के मामले में, गो एयरलाइंस पर लगा पैंतीस हजार का जुर्माना

जोधपुर से लेह लद्दाख जाने के लिए नियत समय पर टिकट बुकिंग करवाना टिकट कंफर्म हो जाना और यात्रा के समय चेक-इन होने के बावजूद यात्री को प्लेन से नीचे उतारकर यात्रा नहीं करने देने के मामले में गो एयरलाइंस पर लगा पैंतीस हजार का जुर्माना

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 01:32 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 01:32 PM (IST)
कंफर्म टिकट के बावजूद प्लेन से यात्री को उतारने के मामले में, गो एयरलाइंस पर लगा पैंतीस हजार का जुर्माना
गो एयरलाइंस पर लगा पैंतीस हजार का जुर्माना,

जोधपुर, रंजन दवे। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (द्वितीय) ने कंफर्म एयर टिकट के बावजूद यात्री को हवाई यात्रा से मना करने पर गो एयरलाइंस पर पेंतीस हजार रुपए हर्जाना लगाया है। मामला जोधपुर से जुड़ा है, जहां जोधपुर लेह लद्दाख जानेे के लिए नियत समय पर टिकट बुकिंग करवाना, टिकट कंफर्म हो जाना और यात्रा के समय चेक-इन होने के बावजूद यात्री को प्लेन से नीचे उतारकर यात्रा नहीं करने देने के मामले में ये फैसला सुनाया गया है। मामला वर्ष 2014 का है।

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मामले के अनुसार मंडोर निवासी मोनिका ने अधिवक्ता पी के पूनिया के मार्फत आयोग में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसने परिवार जनों के साथ 15 जून, 2014 को नयी दिल्ली से लेह-लद्दाख जाने के लिए गो-एयरलाइंस से कंफर्म टिकट बुक कराया था। यात्रा की तारीख के दिन वह सही समय पर एयरपोर्ट पहुंचे और उन्होंने एयरपोर्ट से चेकिंग कर आवंटित सीट पर अपना स्थान भी ग्रहण किया। इसके बाद रूटीन प्रोसेस के तहत सभी गतिविधियां हुई और परिवादी का टिकट भी चेक कर लिया गया। प्लेन टेक ऑफ करता उससे पहले ही उन्हें उसका दूसरा दिन की फ्लाईट से टिकट होना बताकर विमान से उतार दिया गया। उनके सामान को भी बाहर निकाल दिया गया। अगले दिन जब वे फिर एयरपोर्ट पहुंचे और संपूर्ण प्रक्रिया पूरी करने के बाद फिर अपनी सीट पर बैठे तो एयरलाइंस के द्वारा पुनः वही व्यवहार किया गया जो उनसे 1 दिन पहले किया गया था।

दूसरे दिन भी पहले एक प्लेन में बैठाकर उतार दिया गया व काफी अनुनय-विनय करने के बाद दूसरे विमान से भेजा गया। पूरी घटनाक्रम से आहत जोधपुर निवासी परिवादी ने उपभोक्ता संरक्षण आयोग के समक्ष अपनी पीड़ा बताई और अधिवक्ता के मार्फत अपनी परेशानी को रखा।

आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा व सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की न्यायपीठ ने सुनवाई के बाद इसे एयरलाइंस की सेवाओं में भारी त्रुटि मानते हुए परिवादी को दिल्ली में वहन किये गये खर्चों व शारीरिक, मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रूप में पेंतीस हजार रुपए की राशि अदा करने का एयरलाइंस को आदेश दिया है। 


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